Searching...
Saturday, April 26, 2025

उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम" (UPCOS) के गठन के सीएम योगी ने दिए निर्देश, कार्मिकों को मिलेगी मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ

उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम" (UPCOS) के गठन के सीएम योगी ने दिए निर्देश, कार्मिकों को मिलेगी मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ


🔴 सराहनीय है आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवाभावना और कर्त्तव्यपरायणता: मुख्यमंत्री

🔴 आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा संबंधी सुरक्षा सुनिश्चित करने गठित होगा आउटसोर्स सेवा निगम: मुख्यमंत्री

🔴 वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में हुई थी घोषणा, निगम के गठन के लिए मुख्यमंत्री ने दिए दिशा-निर्देश

🔴 मुख्यमंत्री का निर्देश, आउटसोर्सिंग कार्मिकों को भी मिले मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ

🔴 मुख्यमंत्री का अधिकारियों को निर्देश, आउटसोर्सिंग नियुक्तियों में सुनिश्चित करायें आरक्षण प्रावधानों पालन

🔴 आउटसोर्स सेवा निगम" के गठन से सुनिश्चित होगी पारिश्रमिक व सामाजिक सुरक्षा: मुख्यमंत्री

🔴 आउटसोर्सिंग कार्मिक को सेवा से हटाने से पूर्व संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति होगी जरूरी: मुख्यमंत्री

🔴 प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सभी कार्मिकों के बैंक खाते में पूरा पारिश्रमिक जमा हो जाए, ईपीएफ व ईएसआई की राशि भी समय से जमा हो: मुख्यमंत्री



लखनऊ, 25 अप्रैल । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कार्यरत आउटसोर्सिंग कार्मिकों की सेवा, श्रम अधिकारों एवं पारिश्रमिक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए "उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम" (UPCOS) के गठन के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि राज्य सरकार आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम के सम्मान व जनहित में किए जा रहे कार्यों की सराहना करती है और उनकी सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।


 मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों को वेतन में कटौती, समय से भुगतान न होना, ईपीएफ/ईएसआई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ न मिल पाना, पारदर्शी चयन प्रक्रिया का अभाव, उत्पीड़न आदि शिकायतें प्राप्त होती हैं। ऐसे में व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन किया जाना आवश्यक है। 


प्रस्तावित निगम के स्वरूप पर चर्चा करते हुये मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कर्मचारी को सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा तब तक सेवा से नहीं हटाया जाए, जब तक कि सम्बंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सभी कार्मिकों के बैंक खाते में पूरा पारिश्रमिक जमा हो जाए। साथ ही, ईपीएफ व ईएसआई की राशि भी समय से जमा हो। नियमों के उल्लंघन पर एजेंसियों पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबार, पेनाल्टी व वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। निगम का गठन करते हुए इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान होने चाहिए।


 मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि आउटसोर्सिंग निगम के माध्यम से होने वाली सभी नियुक्तियों में नियमानुसार आरक्षण प्रावधानों का पालन किया जाए। इसी प्रकार, मेडिकल सुविधा, मातृत्व अवकाश, दुर्घटना बीमा, पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन सहित सभी लाभ निगम के माध्यम से सुनिश्चित किये जाएं। 


मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनने जा रहे इस निगम के माध्यम से तीन पक्षीय समझौते के तहत विभाग, निगम व आउटसोर्सिंग एजेंसी के बीच समन्वित रूप से सभी प्रक्रियाएं संचालित होंगी। पारदर्शी चयन प्रक्रिया, जेम पोर्टल से एजेंसियों का चयन, मेरिट आधारित भर्ती, आधुनिक तकनीकों का प्रयोग, ईपीएफ/ईएसआई की समयबद्ध जमा व निगरानी तथा आरक्षण नियमों का पालन सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि निगम एक सुगठित ढांचा के तहत कार्य करेगा, जिसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, सलाहकार समिति, राज्य व जिला स्तरीय कमेटियाँ गठित होंगी। जेम पोर्टल द्वारा तीन वर्षों के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन किया जाना उचित होगा, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यरत वर्तमान कार्मिकों की सेवाएं बाधित नहीं होंगी।


मुख्यमंत्री ने कहा कि "राज्य सरकार सभी कार्मिकों की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। यह निगम न केवल प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाएगा, बल्कि लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के जीवन में स्थायित्व व भरोसा प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत किया जाए।

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्चतम न्यायालय उच्‍च शिक्षा उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्सा प्रतिपूर्ति चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मंहगाई भत्ता मत्‍स्‍य महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स