पेंशन नियमों में बदलाव से कर्मचारी और शिक्षक पेंशनरों में असंतोष, प्रदेश भर में 22 अप्रैल को धरना-प्रदर्शन की तैयारी
लखनऊ : भारत सरकार द्वारा लोकसभा में पारित कराए गए वित्त विधोयक-2025 के माध्यम से सिविल सेवा पेंशन नियमावली में बदलाव कर दिया गया है, जिससे सेवानिवृत्ति की तिथि के आधार पर सरकार को पेंशनरों में भेद करने का अधिकार प्राप्त हो गया है। इससे जहां एक ओर सरकार ने पुरानी सुनिश्चित पेंशन योजना ओपीएस बहाल करने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं किया।
दूसरी ओर इस बदलाव से पुराने पेंशनर्स के सामने भी 8 वें वेतन आयोग के लाभों से वंचित होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। इसको लेकर आगामी 22 अप्रैल को ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट पेंशनर्स फेडरेशन के आह्वान पर पूरे देश भर में और उप्र सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन तथा उप्र शिक्षक महासंघ के संयुक्त आह्वान पर प्रदेश के समस्त जनपदों में धरना-प्रदर्शन, विरोध सभाएं कर जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को मांगों का ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम घोषित किया गया है।
पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ यादव और शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा और संयोजक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने जनपदीय शाखाओं के कार्यक्रम में अधिकतम संख्या में भागीदारी करने के निर्देश भेज दिये हैं। राजधानी लखनऊ में यह कार्यक्रम कर्मचारी नेता स्व. बीएन सिंह के प्रतिमा स्थल पर आयोजित किया गया है। पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएल कुशवाहा, महामंत्री ओपी त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष अंगद सिंह, मंत्री आरसी उपाध्याय और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्र ने सामूहिक आवाज बुलंद करने की अपील किया है।