यूपी में 2% महंगाई भत्ता बढ़ाने का शासनादेश जारी, 16 लाख को होगा फायदा
DA Increased: यूपी की योगी सकार ने बुधवार को राज्य कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर बढ़ोतरी कर दी गई है। इस बढ़ोतरी का फायदा यूपी के 16 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को होगा। राज्य कर्मचारियों को अभी तक मूल वेतन का 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता था। इसे दो प्रतिशत बढ़ाकर 55 प्रतिशत कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी एक जनवरी 2025 से ही लागू होगी। ऐसे में तीन महीने का एरियर भी कर्मचारियों को मिलेगा।
महंगाई भत्ता बढ़ोतरी को लेकर योगी सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा सातवें पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में कर्मचारियों को एक जनवरी से से मूल वेतन का 55 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता का देने का निर्णय लिया गया है। इसी परीपेक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा अनुमन्य दर पर महंगाई भत्ते का भुगतान उसी तिथि से किया जाता है जिस तिथि से भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को अनुमन्य किया जाता है। अभी राज्य सरकार के कर्मचारियों को 53 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है।
भारत सरकार के फैसले के क्रम में राज्य कर्मचारियों को भी अभी प्राप्त हो रहे महंगाई भत्ता की 53 प्रतिशत की दर को एक जनवरी 2025 से 55 प्रतिशत किया जाता है। आदेश में कहा गया है कि महंगाई भत्ता बढ़ाने का फायदा राज्य कर्मचारियों के साथ ही सहायता प्राप्त शिक्षण/प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित और पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्यप्रभारित कर्मचारी और यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत कर्मचारी को होगा। ऐसे में 16 लाख से अधिक कर्मचारियों को इसका फायदा होगा।
बताया गया है कि महंगाई भत्ता का भुगतान अप्रैल के वेतन के साथ किये जाने की स्थिति में 107 करोड़ और एरियर के भुगतान पर मई 2025 में 193 करोड़ का अतिरिक्त नकद व्ययभार आएगा। ओपीएस से आच्छादित कार्मिकों के जीपीएफ में 129 करोड़ जमा होगा। इसके अलावा जून से हर माह 107 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार सरकार पर आयेगा।
राज्य कर्मचारियों और सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित एवं पूर्णकालिक कर्म कर्मचारियों, कार्यप्रभारित कर्मचारियों तथा यू०जी०सी० वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों को महंगाई भत्ते का दिनांक 01 जनवरी, 2025 से बढ़ी हुई दर पर भुगतान