एक मई से 15 RRB का विलय, हर राज्य में होगा सिर्फ एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, वित्त मंत्रालय ने एक राज्य-एक RRB को लेकर जारी की अधिसूचना
चौथे चरण में यूपी समेत 11 राज्यों में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का होगा विलय
28 रह जाएगी आरआरबी की संख्या 43 से घटकर
साकार होगा 'एक राज्य एक आरआरबी' का लक्ष्य
नई दिल्ली। देश में एक मई, 2025 से एक राज्य-एक आरआरबी का प्रस्ताव लागू हो जाएगा। इसका मतलब है कि हर राज्य में अब सिर्फ एक ही क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) मौजूद होगा। वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर अमल के लिए उत्तर प्रदेश समेत 11 राज्यों में 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के एकीकरण से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी है।
आरआरबी के एकीकरण का यह चौथा चरण होगा। इसके पूरा होते ही ऐसे बैंकों की संख्या वर्तमान के 43 से घटकर 28 रह जाएगी। दरअसल, केंद्र ने वित्त वर्ष 2004-05 में आरआरबी के संरचनात्मक एकीकरण की पहल की थी। इसके तहत अब तक तीन चरणों में आरआरबी की संख्या 2020-21 तक 196 से घटकर 43 रह गई थी।
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम-1976 की धारा 23ए (1) के तहत 11 राज्यों उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में मौजूद आरआरबी का एक इकाई में विलय होगा। इस तरह एक राज्य-एक आरआरबी के लक्ष्य को साकार किया जा सकेगा।
राज्यों में ऐसे होगा इन बैंकों का विलय
■ यूपी में तीन का विलय बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक को उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक में मिला दिया गया है। इसका मुख्यालय बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रायोजन के तहत लखनऊ में होगा।
■ पश्चिम बंगाल में बंगीय ग्रामीण विकास, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तरबंग क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक में मिला दिया जाएगा।
■ आंध्र प्रदेश: चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, सप्तगिरि ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक का आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक में विलय होगा।
■ अन्य आठ राज्यों बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान में दो-दो आरआरबी को एक में मिलाया जाएगा।
51 फीसदी से कम नहीं होगी हिस्सेदारी: केंद्र के पास आरआरबी में 50 फीसदी हिस्सेदारी है। प्रायोजक सरकारी बैंकों का 35 फीसदी और राज्यों का 15% हिस्सा है। संशोधित अधिनियम के के मुताबिक, हिस्सेदारी कम करने के बाद भी केंद्र व प्रायोजक बैंकों की 51 फीसदी से कम नहीं हो सकती।
बैंकों के पास होगी 2,000 करोड़ की पूंजी
अधिसूचना के मुताबिक, सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पास 2,000 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी होगी। एकीकरण के पहले इन बैंकों में सरकार ने पूंजी भी डाली है।