UPS new pension scheme from April 1
1 अप्रैल से नई पेंशन योजना चुन सकेंगे कर्मचारी, ऐसे करें अप्लाई
केंद्रीय कर्मचारियों को गारंटीशुदा पेंशन देने वाली एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की शुरुआत एक अप्रैल से हो जाएगी। मौजूदा और नए भर्ती होने वाले कर्मचारी योजना में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकेंगे। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू हो जाएगी। उन्हें यूपीएस का विकल्प चुनने के लिए दावा फॉर्म भरना होगा। इसके जरिए केंद्र सरकार के करीब 23 लाख से अधिक कर्मचारियों को यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन करने का विकल्प मिलेगा।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) को एक जनवरी 2004 को लागू किया गया था, लेकिन एनपीएस में पुरानी पेंशन योजना की तर्ज पर निश्चित पेंशन न मिलने से कर्मचारियों में नाराजगी थी। ओपीएस के तहत उनके कार्यकाल के अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था। कर्मचारी संगठनों की तरफ से लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जा रही थी। इसे देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त 2024 को यूपीएस के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
कैसे शामिल हो सकते हैं
1. वर्तमान कर्मचारी : 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल मौजूदा कर्मचारी, जिन्होंने एनपीएस को चुना है, वे यूपीएस को चुन सकते हैं। उन्हें फॉर्म ए2 भरना होगा।
2. नए भर्ती कर्मचारी : 1 अप्रैल 2025 को या इसके बाद सेवा में शामिल होने वाले नए कर्मचारी भी इस विकल्प को चुन सकते हैं। उन्हें फॉर्म ए1 भरना होगा।
3. सेवानिवृत्त कर्मी : जो कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और जो एनपीएस से जुड़े थे, वे भी यूपीएस में शामिल हो सकते हैं। उन्हें केवाईसी दस्तावेजों के साथ फॉर्म बी2 जमा करना होगा।
4. कर्मचारी की मृत्यु होने पर : कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में, कानूनी रूप से विवाहित पति या पत्नी को केवाईसी दस्तावेजों के साथ फॉर्म बी6 प्रस्तुत करना होगा।
5. वीआरएस मामले : स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने पर 25 साल की सेवा का प्रावधान लागू होगा। इसका मतलब यह है कि ऐसे कर्मचारियों को 60 साल की उम्र पूरी होने का तक इंतजार करना होगा।
कैसे करें आवेदन
सभी श्रेणियों के लिए नामांकन और दावा फॉर्म प्रोटीन सीआरए की वेबसाइट (https://npscra.nsdl.co.in) पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। कर्मचारियों के पास फॉर्म को भौतिक रूप से जमा करने का विकल्प भी होगा।
ये कर्मचारी नहीं होंगे शामिल
अधिसूचना के मुताबिक, कर्मचारी को सेवा से हटाए जाने या बर्खास्त किए जाने या इस्तीफे के मामले में यूपीएस या सुनिश्चित भुगतान विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।
बाद में बदलाव नहीं
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों को यह विकल्प मिलेगा कि वे एनपीएस के तहत यूपीएस का विकल्प चुनें। या बिना यूपीएस विकल्प के एनपीएस को जारी रखें। एक बार विकल्प चुनने के बाद उसमें बदलाव नहीं किया जा सकेगा।
यूपीएस की प्रमुख शर्तें
1. यूपीएस के जरिए पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल की सेवा होना जरूरी है।
2. कर्मचारियों को एनपीएस की तर्ज पर यहां भी मूल वेतन से 10 प्रतिशत का अंशदान देना होगा।
3. सरकार 18.5 प्रतिशत योगदान करेगी। यानी इस योजना में कर्मचारी और सरकार का कुल योगदान 28.5 फीसदी होगा।
4. इस योजना में प्रति माह 10,000 रुपये की न्यूनतम गारंटीशुदा पेंशन दी जाएगी।
5. अगर कर्मचारी ने 25 वर्षों की सेवा दी है तो उसके अंतिम कार्य वर्ष के 12 महीनों के औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि बतौर पेंशन के तौर पर मिलेगा।
6. अगर सेवा काल 10 से 25 वर्ष के बीच है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी।
7. मृत्यु के मामले में, परिवार को 60 प्रतिशत रकम फैमिली पेंशन के रूप में दी जाएगी।
एनपीएस
1. सुनिश्चित पेंशन राशि नहीं, यह निवेश योजनाओं पर निर्भर
2. सेवानिवृत्ति पर 40 पेंशन फंड से एन्यूटी प्लान खरीदना होता है
3. इसमें दोनों का कुल योगदान 24 फीसदी ही होता है
4. एनपीएस में ग्रेच्युटी नहीं मिलती
5. यह निवेश योजना पर निर्भर है
यूपीएस
1. सरकार 10 हजार रुपये की न्यूनतम गारंटीशुदा पेंशन देगी
2. अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन की 50 राशि होगी पेंशन
3. सरकार और कर्मचारी का कुल योगदान 28.5 फीसदी होगा
4. सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी मिलेगी
5. 60 परिवारिक पेंशन मिलेगी