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Friday, March 21, 2025

UPS: राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत एकीकृत पेंशन योजना का संचालन विनियम 2025 करें डाउनलोड

UPS : एक अप्रैल से एकीकृत पेंशन योजना प्रभावी,  अब मूल वेतन का 50 फीसदी मिलेगी पेंशन, 23 लाख कर्मचारियों को यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन का मिलेगा विकल्प

केंद्रीय कर्मियों के लिए खुशखबरी: एकीकृत पेंशन योजना की अधिसूचना जारी 


नई दिल्ली। पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की अधिसूचना जारी कर दी है। एक अप्रैल, 2025 से यूपीएस से जुड़े नियम लागू हो जाएंगे। इस योजना में सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि सुनिश्चित पेंशन के तौर पर दिए जाने का प्रावधान है।

योजना के तहत केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन करने का विकल्प मिलेगा। एनपीएस या न्यू पेंशन स्कीम एक जनवरी, 2004 को लागू हुई थी। यह अधिसूचना राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 24 जनवरी को जारी एकीकृत पेंशन योजना की घोषणा से जड़ी है। अधिसूचित नियम के तहत एक अप्रैल, 2025 तक सेवा में मौजूद केंद्र सरकार के एनपीएस में आने वाले कर्मचारी और केंद्र सरकार की सेवाओं में इस तारीख को या उसके बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों समेत अन्य कर्मचारी नामांकन कर सकेंगे। 

केंद्रीय कर्मचारियों की इन सभी श्रेणियों के लिए नामांकन और दावा आवेदन एक अप्रैल से ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। कर्मचारियों के पास आवेदन को भौतिक रूप से जमा करने का विकल्प भी है। अधिसूचना के मुताबिक, कर्मचारी को सेवा से हटाए जाने या बर्खास्त किए जाने या इस्तीफे के मामले में एकीकृत पेंशन या सुनिश्चित भुगतान का विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।


25 वर्षों की न्यूनतम सेवा जरूरी

अधिसूचना के मुताबिक, पूर्ण सुनिश्चित भुगतान की दर 25 वर्षों की न्यूनतम योग्यता सेवा के अधीन होगी और पेंशन की राशि सेवानिवृत्ति से तुरंत पहले के 12 माह के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत होगी।


केंद्रीय कर्मियों के लिए तीन तरह की पेंशन

■ ओपीएस : पुरानी पेंशन प्रणाली जनवरी, 2004 से पहले सेवा में आ चुके कर्मियों पर लागू होती है। इसमें कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति वाले महीने में मिले मूल वेतन का 50 फीसदी प्रति माह पेंशन मिलती है।

■ एनपीएस: एक जनवरी, 2004 या उसके बाद सेवा में आए कर्मियों के लिए यह योजना अनिवार्य थी। इसमें कर्मचारी मूल वेतन का 10 फीसदी, जबकि केंद्र सरकार 14 फीसदी योगदान करते थे। इससे जुड़े धन से सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन मिलती है।

■ यूपीएस : एनपीएस के बढ़ते विरोध के कारण केंद्र ने 24 अगस्त, 2024 को यूपीएस को मंजूरी दी थी। यह भी कर्मचारी व केंद्र सरकार के अंशदान से संचालित होगी। इसमें कर्मचारी का योगदान मूल वेतन व महंगाई भत्ते का 10 फीसदी होगा, जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 फीसदी होगा। पेंशन की राशि आखिरी 12 महीने के मूल वेतन का 50 फीसदी होने की गारंटी होगी।

■ एनपीएस व यूपीएस दोनों में अंतिम भुगतान, जमा कोष पर मिले बाजार रिटर्न पर निर्भर करता है। इस कोष को ज्यादातर सरकारी बॉन्ड में निवेश किया जाता है।



सुविधा : केंद्रीय कर्मी एक अप्रैल से नई पेंशन योजना UPS चुन सकेंगे, पेंशन का विकल्प चुनने के बाद इसे बदल नहीं पाएंगे

केंद्रीय कर्मचारियों को गारंटीशुदा पेंशन देने वाली एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की शुरुआत एक अप्रैल से हो जाएगी। मौजूदा और नए भर्ती होने वाले कर्मचारी योजना में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकेंगे। पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी।

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पोर्टल पर आवेदन प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू हो जाएगी। उन्हें यूपीएस का विकल्प चुनने के लिए दावा फॉर्म भरना होगा। इसके जरिए केंद्र सरकार के करीब 23 लाख से अधिक कर्मचारियों को यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन करने का विकल्प मिलेगा।

राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को एक जनवरी 2004 को लागू किया गया था, लेकिन एनपीएस में पुरानी पेंशन योजना की तर्ज पर निश्चित पेंशन न मिलने से कर्मचारियों में नाराजगी थी। ओपीएस के तहत उनके कार्यकाल के अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था। कर्मचारी संगठनों की तरफ से लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जा रही थी। इसे देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त 2024 को यूपीएस के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।


एनपीएस
1. सुनिश्चित पेंशन राशि नहीं, यह निवेश योजनाओं पर निर्भर
2. सेवानिवृत्ति पर 40 पेंशन फंड से एन्यूटी प्लान खरीदना होता है
3. इसमें दोनों का कुल योगदान 24 फीसदी ही होता है
4. एनपीएस में ग्रेच्युटी नहीं मिलती
5. यह निवेश योजना पर निर्भर है


यूपीएस
1. सरकार 10 हजार रुपये की न्यूनतम गारंटीशुदा पेंशन देगी
2. अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन की 50 राशि होगी पेंशन
3. सरकार और कर्मचारी का कुल योगदान 28.5 फीसदी होगा
4. सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी मिलेगी
5. 60 परिवारिक पेंशन मिलेगी


पेंशन का विकल्प चुनने के बाद इसे बदल नहीं पाएंगे

नई दिल्ली । पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लाई जा रही एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की अधिकांश शर्तें निर्धारित कर दी हैं। गुरुवार को जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों को यह विकल्प मिलेगा कि वे एनपीएस के तहत यूपीएस का विकल्प चुनें या बिना यूपीएस विकल्प के एनपीएस को जारी रखें। एक बार विकल्प चुनने के बाद उसमें बदलाव नहीं किया जा सकेगा।

इसी के साथ, जिन कर्मचारी को सेवा से हटाया गया है या बर्खास्त किया गया है, या इस्तीफा लिया गया है, उन्हें यूपीएस या सुनिश्चित भुगतान विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।


कैसे करें आवेदन 
सभी श्रेणियों के लिए नामांकन और दावा फॉर्म प्रोटीन सीआरए की वेबसाइट (https://www.npscra.nsdl.co.in/) पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। कर्मचारियों के पास फॉर्म को भौतिक रूप से जमा करने का विकल्प भी होगा।

वीआरएस मामला स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले कर्मी भी यूपीएस ले सकते हैं लेकिन उनके लिए 25 साल की सेवा का प्रावधान लागू होगा। मतलब यह है कि उन्हें 60 साल की उम्र तक पूरी होने का इंतजार करना होगा। इसके बाद यूपीएस से जुड़ सकेंगे लेकिन इस दौरान उन्हें बाकी सुविधाएं मिलती रहेंगी।


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