30 जून को सेवानिवृत्ति तो पहली जुलाई को मिलेगी वार्षिक वेतन वृद्धि – हाईकोर्ट
हाई कोर्ट ने रेलवे पर 50 हजार रुपये का हर्जाना भी लगाया
आदेश दिया- तीन महीने में दें बकाया, पेंशन करें पुनरीक्षित
प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 30 जून को सेवानिवृत्त आरपीएफ जवानों को पहली जुलाई को एक वार्षिक वेतन वृद्धि पाने का अधिकारी माना है। कोर्ट ने विभिन्न वर्षों में सेवानिवृत्त 12 कार्मिकों को एक वार्षिक सांकेतिक वेतन वृद्धि (नोशनल इंक्रीमेंट) देते हुए तीन महीने के भीतर बकाया देने तथा पेंशन पुनरीक्षित कर पेंशन भुगतान करने का निर्देश दिया है। कहा है कि आदेश की प्राप्ति तिथि से तीन महीने की अवधि शुरू होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने आरके प्रसाद व 11 अन्य की याचिका स्वीकार करते हुए दिया है।
कोर्ट ने आदेश की प्रति सचिव रेलवे मंत्रालय नई दिल्ली, महानिदेशक आरपीएफ रेलवे बोर्ड नई दिल्ली, महाप्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर, प्रमुख वित्त सलाहकार मुख्य लेखा अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर को भेजने का निर्देश दिया है। महानिदेशक रेलवे बोर्ड मनोज यादव को चेतावनी देते हुए कहा है कि भविष्य में विधिक सलाह से ही हलफनामा दाखिल करें। अपनी मर्जी से कुछ भी हलफनामा दाखिल न करें। उनके हलफनामे के दो पैराग्राफ को कोर्ट ने अवमाननाकारी माना लेकिन कोई कार्रवाई करने की बजाय चेतावनी देकर छोड़ दिया है।
हालांकि रेलवे पर 50 हजार रुपये हर्जाना लगाया है और कहा है कि याचीगण को हर्जाने का भुगतान किया जाए। याचीगण की ओर से अधिवक्ता रमेशचंद्र तिवारी ने बहस की। बताया कि याचीगण विभिन्न वर्षों में 30 जून को सेवानिवृत्त हुए हैं। नियमानुसार एक जुलाई को एक वार्षिक वेतन वृद्धि दी जानी चाहिए थी, लेकिन विभाग ने नहीं दी। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के तमाम फैसलों का परिशीलन करते हुए कहा कि 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को पहली जुलाई को वार्षिक वेतन वृद्धि पाने का अधिकार है।