New Tax Rebate Changes for Taxpayers in Budget 2025
वेतन से साथ शेयरों से कमाई हुई तो आयकर चुकाना होगा, करदाताओं को पूंजीगत लाभ के मामलों में विशेष कर छूट का लाभ नहीं
नई दिल्ली । बजट में करदाताओं के लिए नई कर व्यवस्था के तहत महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इसमें 12 लाख रुपये तक की आय पर विशेष कर छूट (रिबेट) बढ़ाकर इसे कर पूरी तरह कर मुक्त किया गया है। हालांकि, वेतन के साथ पूंजीगत लाभ से हुई आमदनी के मामलों में भले ही कमाई 12 लाख रुपये से कम हो, फिर भी आयकर का भुगतान करना होगा। इसका कारण विशेष प्रकार की आय पर लागू आयकर नियम हैं। यहां विशेष कर छूट का लाभ नहीं होगा।
बजट में यह प्रस्ताव दिया गया है कि धारा -87ए के तहत रिबेट का फायदा केवल वेतन से हुई कमाई पर ही मिले। यदि वेतन के अलावा किसी अन्य स्रोतों से आय हुई है, जो पूंजीगत लाभ के दायरे में आती है तो रिबेट का लाभ सीमित हो जाएगा। यानी ऐसे मामलों में रिबेट सिर्फ वेतन से हुई आय पर मिलेगी, पूंजीगत लाभ आय पर नहीं। इस आय पर अल्पकालिक या दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ की दरों के अनुसार करदाता को टैक्स चुकाना होगा।
रिबेट में बड़ा बदलाव
पहले नई कर व्यवस्था पुराने स्लैब के तहत 12.75 लाख रुपये तक की आय पर 80,000 रुपये कर लगता था लेकिन बजट में घोषित नए स्लैब में यह घटकर 60 हजार हो जाएगा। इसी के साथ सरकार ने आयकर पर मिलने वाली विशेष कर छूट (रिबेट) को 25 हजार से बढ़ाकर 60 हजार कर दिया है। इससे वे करदाता, जिनकी सालाना आय 12 लाख तक है, वे आयकर के दायरे से बाहर हो जाएंगे क्योंकि उनकी देनदारी शून्य हो जाएगी। ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकार ने यह राहत केवल धारा-87ए के तहत मिलने वाली रिबेट में बदलाव करके दी है, मूल कर ढांचे के जरिए नहीं।
रिबेट सिर्फ इन मामलों में मिलेगी
1. यदि पूरी आय वेतन, पेंशन, ब्याज, किराए, या व्यवसाय से आती है और कोई विशेष श्रेणी की आय शामिल नहीं है।
2. कुल आय 12 लाख रुपये से कम या बराबर है और करदाता नई कर व्यवस्था को चुनता है। पुरानी कर व्यवस्था चुनने पर लाभ नहीं मिलेगा।
इन मामलों में 12 लाख की आय होने पर भी कर देना होगा
1. पूंजीगत लाभ
:: अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (एसटीसीजी)
- यदि कोई व्यक्ति शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, संपत्ति या अन्य परिसंपत्तियों से अल्पकालिक पूंजीगत लाभ अर्जित करता है, तो इस पर 20% की दर से कर लगेगा।
- इस पर धारा 87ए के तहत विशेष कर छूट लागू नहीं होगी।
:: दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी)
- शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, अचल संपत्ति आदि से अर्जित दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 12.5% की दर से कर लागू होगा।
- यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि पूंजीगत लाभ ₹एक लाख से अधिक है तो ही कर देना होगा।
2. लॉटरी और गेमिंग शो
- यदि किसी व्यक्ति की आय में लॉटरी, जुए, सट्टेबाजी या गेम शो जैसी अन्य विशेष श्रेणियों से प्राप्त आय शामिल है, तो इस पर 30% की उच्च दर से कर लगाया जाएगा।
- इन मामलों में भी धारा 87ए के तहत कर छूट लागू नहीं होगी।
3. व्यवसायिक आय और अन्य विशेष दर वाली आय
- यदि कोई व्यक्ति फ्रीलांसिंग, व्यवसाय या पेशेवर सेवाओं से आय अर्जित करता है, तो इस पर भी विशेष कर नियम लागू हो सकते हैं।
- इस पर कर स्लैब के आधार पर कर लगाया जाएगा और कुछ मामलों में छूट नहीं मिलेगी।
उदाहरण से ऐसे समझें कितना टैक्स चुकाना होगा
अगर किसी करदाता की कुल आय 12 लाख रुपये है, जिसमें से वेतन से आय आठ लाख रुपये है, लेकिन शेयर या म्यूचुअल फंड से आय चार लाख रुपये है, तो धारा 87ए के तहत रिबेट (अधिकतम 60 हजार रुपये) केवल आठ लाख रुपये पर ही मिलेगी। यानी यह आय पूरी तरह कर मुक्त होगी। वहीं, शेष चार लाख रुपये की आय पर अल्पकालिक अथवा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के अनुसार आयकर चुकाना होगा।
::: अल्पकालिक लाभ पर कर की दर
यदि चार लाख रुपये की आय अल्पकालिक पूंजीगत लाभ है, तो उस पर विशेष दर से कर लगेगा जो 20% है, इसलिए निवेशक को कर के रूप में 80,000 रुपये का भुगतान करना होगा।
- एक साल से कम की अवधि वाले निवेश को अल्पकालिक लाभ में शामिल किया जाता है।
::: दीर्घकालिक लाभ पर कर की दर
यदि शेयर या म्युचुअल फंड में चार लाख रुपये का दीर्घकालिक लाभ है तो 1.25 लाख रुपये की छूट मिलेगी और 2.75 लाख रुपये के शेष लाभ पर 12.5% कर का भुगतान करना होगा। नतीजतन निवेशक को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 34,375 रुपये का कर चुकाना होगा।
- यहां ध्यान देने वाली बात है कि एक साल से अधिक की अवधि वाले निवेश को दीर्घकालिक लाभ में माना जाता है।
:::: डिविडेंड आय पर निवशेकों को राहत
सरकार ने बजट के में डिविडेंड आय पर टीडीएस की सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी है। इस फैसले का फायदा शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड निवेशकों को मिलेगा, क्योंकि उनकी टैक्स देनदारी कम होगी।
नए नियम कैसे काम करेंगे
- अगर किसी निवेशक की एक शेयर या म्यूचुअल फंड से डिविडेंड आय 10,000 रुपये से कम है, तो उस पर कोई टीडीएस नहीं कटेगा। अगर 10,000 रुपये से ज्यादा डिविडेंड मिलता है, तो 10 फीसदी टीडीएस कटेगा।
- हालांकि, 10,000 रुपये की यह सीमा हर एक शेयर या म्यूचुअल फंड पर अलग-अलग लागू होगी। यानी सभी शेयरों या म्यूचुअल फंडों से मिलने वाले कुल डिविडेंड पर यह सीमा लागू नहीं होगी।
उदाहरण से ऐसे समझें
- यदि किसी निवेशक को किसी एक शेयर से साल में 9,000 रुपये का डिविडेंड मिलता है तो नए नियम के तहत इस पर कोई टीडीएस नहीं कटेगा। लेकिन पुराने नियम के अनुसार, 10 फीसदी यानी ₹900 रुपये टीडीएस कटता और उसे ₹8,100 मिलते।
2. वहीं, निवेशक को किसी एक कंपनी से ₹11,000 का डिविडेंड मिलता है तो नए नियम के तहत 10% फीसदी (₹1100 रुपये) टीडीएस कटकर ₹9,900 मिलेंगे।
:::: धारा-87ए से जुड़े जरूरी सवाल-जवाब
1. धारा-87ए के तहत मिलने वाली रिबेट क्या है?
सरकार करदाताओं को राहत देने के लिए धारा-87ए के तहत कुल देय आयकर पर विशेष छूट (रिबेट) देती है। नई कर व्यवस्था में पहले 25 हजार तक की रिबेट मिलती थी, जिसे बढ़ा दिया गया है। वहीं, पुरानी कर व्यवस्था में 12,500 रुपये की रिबेट मिलती है।
2. इस धारा से कैसे होता है करदाता को फायदा?
बजट 2025 में नई कर प्रणाली के तहत धारा 87A के अंतर्गत 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर शून्य कर घोषित किया गया है। पहले यह छूट 7 लाख रुपये तक की आय पर मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है।
3. बजट में रिबेट में किसी तरह का बदलाव किया गया?
नई कर व्यवस्था में रिबेट की सीमा को 25,000 से बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दिया गया है। करदाता को 12 लाख तक की आय पर अधिकतम 60 हजार तक रिबेट मिलेगी।
4. किसी करदाता को रिबेट का लाभ लेने के लिए क्या प्रक्रिया अपनानी होगी?
12 लाख तक की सालाना आय वाला कोई भी करदाता विशेष कर छूट (रिबेट) प्राप्त कर सकता है। इसका लाभ उठाने के लिए नई कर व्यवस्था के तहत आईटीआर दाखिल करनी होगी।
5. क्या विशेष दर वाली आय जैसे पूंजीगत लाभ, लॉटरी आदि भी छूट के लिए पात्र हैं?
उत्तर: पूंजीगत लाभ या लॉटरी या किसी अन्य परिसंपत्तियों से होने वाली आय पर कोई छूट उपलब्ध नहीं है। इन पर धारा-87ए के तहत रिबेट का लाभ नहीं मिलेगा। इनके लिए तय दरों के अनुसार ही कर भुगतान करना होगा।
6. पुरानी कर व्यवस्था में मिलने वाली रिबेट में कोई बदलाव हुआ है?
कोई बदलाव नहीं हुआ है। पांच लाख तक की आय पर अधिक 12,500 रुपये की ही विशेष कर छूट दी जाएगी।