चोरी के शिकायती पत्र पर थाने की मुहर काफी नहीं, जीडी में इंट्री जरूरी, हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद डीजीपी ने मातहतों को जारी किया निर्देश
लखनऊ। मोबाइल, चेकबुक, पासबुक, एटीएम कार्ड व अन्य बहुमूल्य वस्तुएं चोरी होने की शिकायत के प्रार्थनापत्र पर सिर्फ थाने की मुहर लगाने से काम नहीं चलेगा। अब इसकी थाने की जीडी (जनरल डायरी) और सीसीटीएनएस पर भी एंटी करनी होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा वस्तुओं के चोरी होने की शिकायत पर थाने की मुहर लगाने की प्रवृत्ति को लेकर नाराजगी जताने के बाद डीजीपी प्रशांत कुमार ने मातहतों को इस बाबत नियमों के मुताबिक कार्यवाही करने को कहा है।
दरअसल, एटा के एक प्रकरण की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में शिकायत पर मुहर लगाकर उसे ग्रहण करने तथा किसी भी रिकॉर्ड में उसे दर्ज नहीं किए जाने पर एसपी को प्रारंभिक जांच कराने का आदेश दिया है।
अदालत ने आवश्यकता होने पर संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराने को कहा। साथ ही डीजीपी को निर्देश दिया कि वह इस बाबत मातहतों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें कि कोई वस्तु चोरी होने पर उसकी सूचना थाने की जीडी और संबंधित रजिस्टर में भी दर्ज की जाए।
अदालत के आदेश के बाद डीजीपी ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने निर्देशों का अनुपालन करने में शिथिलता बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है।
हाईकोर्ट में दायर याचिका में याची ने बताया था कि उसने चेकबुक गुम होने के संबंध में थाना कोतवाली नगर, एटा पर प्रार्थना पत्र दिया था। जिसे वहां मौजूद पुलिसकर्मी द्वारा थाने की मुहर लगाकर एवं प्राप्ति के हस्ताक्षर बनाकर आवेदक को प्रार्थना पत्र की प्रति दे दी गई।