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Thursday, February 20, 2025

महंगाई भत्ते में दो फीसदी की बढ़ोतरी तय, जनवरी 2025 के वेतन से होगा देय, अभी 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा

महंगाई भत्ते में दो फीसदी की बढ़ोतरी तय, जनवरी 2025 के वेतन से होगा देय, अभी 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा 

आमतौर पर तीन से चार प्रतिशत होती रही है बढ़ोतरी


प्रयागराज। महंगाई भत्ते में दो फीसदी की बढ़ोतरी तय हो गई है। इसका लाभ जनवरी के वेतन व पेंशन में मिलेगा। इससे एक करोड़ से अधिक केंद्रीय राज्य कर्मचारी व पेंशनर्स लाभान्वित होंगे। ऐसा साढ़े छह साल बाद हो रहा है, जब महंगाई भत्ते में मात्र दो फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। आमतौर पर तीन से चार प्रतिशत की वृद्धि होती रही है।

वेतन व पेंशन निर्धारण के जानकार एजी ब्रदरहुड के अध्यक्ष रहे हरशिंकर तिवारी के अनुसार जनवरी 2024 का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 400.032, फरवरी का 400.896, मार्च का 400.032, अप्रैल का 401.472, मई का 402.912, जून का 407.232, जुलाई का 410.976, अगस्त का 410.688, सितंबर का 412.704, अक्तूबर का 416.160, नवंबर का 416.160 और दिसंबर का 413.856 अंक रहा।

इस तरह से औसत सूचकांक 407.76 अंक रहा। फॉर्मूले के तहत इस औसत सूचकांक पर महंगाई भत्ता 55.99 प्रतिशत बनता है। लेकिन, सिर्फ पूर्णांक के अंक के बराबर ही महंगाई भत्ता देय होगा। ऐसे में जुलाई के वेतन से 55 फीसदी महंगाई भत्ता देय होगा।

हरिशंकर तिवारी का कहना है कि अभी कर्मचारियों को 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। इस तरह से दो फीसदी की बढ़ोतरी होगी, जो एक जनवरी 2025 से देय होगी। इसका लाभ सभी केंद्रीय राज्य कर्मियों व पेंशनर्स को होगा।


इससे पहले जुलाई 2018 में हुई दो प्रतिशत की वृद्धि :
महंगाई भत्ते में मात्र दो फीसदी की बढ़ोतरी इससे पहले जुलाई 2018 में हुई थी। इस तरह से साढ़े छह साल बाद दो प्रतिशत की वृद्धि होगी। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2017 में महंगाई भत्ता में महज एक प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसके बाद जनवरी 2018 व जुलाई 2018 दोनों बार दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। वहीं, जुलाई 2019 में महंगाई भत्ते में सबसे अधिक पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। अन्यथा, इस दौरान तीन या चार फीसदी की ही बढ़ोतरी हुई है।


पूर्णांक के अंक को ही जोड़े जाने से कर्मचारियों को हुआ नुकसान : महंगाई भत्ते में सिर्फ पूर्णांक के अंक लिए जाते हैं। इससे कर्मचारियों को महंगाई भत्ता में 0.99 यानी एक प्रतिशत की कमी का नुकसान उठाना होगा। इतना ही नहीं, दिसंबर या अन्य किसी महीने में उपभोक्ता सूचकांक में महज दो अंकों की वृद्धि हो जाती, तब भी निर्धारित फॉर्मूले के तहत कुल महंगाई भत्ता 56 फीसदी से अधिक हो जाता। यानी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी तीन फीसदी की होती।

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