आयकर छूट पाने के लिए 15 जनवरी तक मौका, धारा-87ए के तहत दाखिल करना होगा रिटर्न
नई दिल्ली । आयकर की धारा- 87ए के तहत पात्र करदाताओं के लिए आयकर छूट पाने के लिए 15 जनवरी तक मौका है। इसके लिए संशोधित और विलंबित (बिलेटेड) आईटीआर दाखिल करनी होगी, जिसकी अंतिम तिथि 15 जनवरी को समाप्त हो रही है। वहीं, जिन करदाताओं ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रिटर्न दाखिल नहीं किया, उनके पास भी तीन दिन का समय शेष रह गया है। इसके चूकने पर तय जुर्माना भरना होगा।
गौरतलब है कि विलंबित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि पहले 31 दिसंबर 2024 थी, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद बढ़ाया गया था। हाईकोर्ट ने धारा-87ए के तहत पात्र करदाताओं को राहत देते हुए समयसीमा बढ़ाई थी। यह धारा उन व्यक्तियों को कर छूट देती है, जिनकी कुल कर योग्य आय पुरानी कर व्यवस्था के तहत पांच लाख तक और नई कर व्यवस्था के तहत सात लाख तक है।
तकनीकी खामी के चलते चूके थे करदाता : विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे करदाता कर छूट दावा करने के लिए पात्र थे लेकिन पांच जुलाई 2024 के बाद दावा दाखिल करने में दिक्कतों का सामना कर रहे थे। दरअसल, पांच जुलाई के बाद से विभाग के आईटीआर सॉफ्टवेयर में बदलाव के कारण कई करदाता कर छूट दावा दाखिल नहीं कर पाए थे। इसके चलते कई करदाताओं को विभाग की ओर से कर मांग नोटिस भेजे गए थे।
इतनी छूट मिलेगी
कर विशेषज्ञों के अनुसार, धारा- 87ए के तहत नई कर व्यवस्था में सात लाख तक की आय वाले 25,000 रुपये का कर छूट दावा कर सकते हैं। वहीं, पुरानी कर व्यवस्था में पांच लाख तक की आय वाले 12,500 रुपये का कर कटौती का दावा कर सकते हैं।
कितना जुर्माना
करदाता की सालाना आय पांच लाख रुपये से ज्यादा है, तब उसे 5,000 रुपए का विलंब शुल्क चुकाना होगा। पांच लाख रुपये से कम होने पर 1,000 रुपये भरने होंगे।
आईटीआर अब 15 जनवरी तक भरिये, विवाद से विश्वास 31 जनवरी तक
नई दिल्ली। सरकार ने आयकर रिटर्न भरने की तारीख बढ़ाकर 15 जनवरी और विवाद से विश्वास योजना की तारीख 31 जनवरी कर दी है। दोनों की अंतिम तिथि 31 दिसंबर थी। हालांकि, रिटर्न की मूल तारीख 31 जुलाई थी, पर जुर्माने के साथ 31 दिसंबर तक भरा जा सकता था। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार, करदाता 15 जनवरी तक रिटर्न भरने के साथ पहले भरे आईटीआर में सुधार भी कर सकते हैं। हाल में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीडीटी को आईटीआर की तारीख बढ़ाने का निर्देश दिया था।
TaxPayers को बड़ी राहत! अब 15 जनवरी तक लेट फीस के साथ फाइल कर सकेंगे ITR
5 लाख रुपए से कम आय वालों को 1,000 रुपए लेट फीस देनी होगी, और यदि आय 5 लाख से अधिक है तो 5,000 लेट फीस देनी होगी।
टैक्सपेयर्स लेट फीस के साथ अब इनकम टैक्स 15 जनवरी 2025 तक भर सकते हैं। सरकार ने बिलेटेड/रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की तारीख को 31 दिसंबर से बढ़ाकर 15 जनवरी कर दिया है। बता दें वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई (बिना किसी लेट फीस के) बहुत पहले ही समाप्त हो चुकी है।
लेट फीस के साथ भरना होगा ITR
अगर आपने 31 दिसंबर 2024 तक ITR फाइल नहीं किया तो आपको अब लेट फीस से साथ 15 जनवरी 2025 तक फाइल करने का अवसर है। यदि आपकी आय 5 लाख रुपए से कम है तो आपको 1,000 रुपए लेट फीस देनी होगी, और यदि आय 5 लाख से अधिक है तो 5,000 लेट फीस देनी होगी।
किसे भरना चाहिए कौन-सा ITR फॉर्म
ITR-1: यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए है जो निवासी हैं (सामान्य तौर पर निवासी नहीं होने के अलावा) जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है, जिनकी आय सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से है, और कृषि आय 5,000 रुपये तक है।
ITR-2: यह फॉर्म उन व्यक्तियों और HUFs के लिए है जिनकी किसी बिजनेस या किसी पेशे के लाभ और आय से कोई कमाई नहीं है।
ITR-3: आयकर रिटर्न फॉर्म 3 को व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स और HUFs द्वारा चुना जाता है जो किसी पेशे या किसी बिजनेस के मालिक होने से आय अर्जित करते हैं। वो टैक्सपेयर्स जिनकी आय किसी अनलिस्टिड शेयर में निवेश से हुई है, किसी कंपनी के पार्टनर हैं, किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या बिजनेस का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से ज्यादा है, इस फॉर्म को भर सकते हैं।
ITR-4: आयकर रिटर्न फॉर्म 4 उन व्यक्तियों, HUFs और फर्मों (LLP के अलावा) के लिए है जो निवासी हैं और जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है, और किसी बिजनेस या पेशे से आय अर्जित करते है, जिसकी गणना धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत की जाती है। इसके अतिरिक्त, करदाता की कृषि आय 5,000 तक नहीं होनी चाहिए।
ITR-5: आयकर रिटर्न फॉर्म 5 संस्थाओं के लिए होता है। ऐसे संस्थान जो फर्म, LLPs, AOPs, BOIs के रूप में रजिस्टर्ड हैं।
ITR-6: यह टैक्स फाइलिंग फॉर्म धारा 11 के तहत छूट का दावा करने वाली संस्थाओं के अलावा कंपनियों के लिए है।
IT रेट घटाने की तैयारी में सरकार: रिपोर्ट
भारत सरकार फरवरी के बजट में 15 लाख रुपये सालाना तक की आय वाले व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्स में कटौती पर विचार कर रही है। इसका मकसद मध्यम वर्ग को राहत देना और खर्च बढ़ाना है, क्योंकि धीमी आर्थिक बढ़त और महंगाई ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। यह जानकारी दो सरकारी अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दी।
सूत्रों ने बताया कि टैक्स कटौती के आकार पर अभी फैसला नहीं हुआ है। इस पर अंतिम निर्णय 1 फरवरी को बजट के करीब लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि टैक्स दरें कम होने से ज्यादा लोग नई प्रणाली को अपनाएंगे, जो सरल है। भारत को इनकम टैक्स का बड़ा हिस्सा उन लोगों से मिलता है, जिनकी आय 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक है। इन पर 30% की टैक्स दर लागू होती है।