8वीं आर्थिक गणना कार्य के लिए प्रशिक्षण फरवरी-मार्च में, भारत सरकार द्वारा आर्थिक गणना अप्रैल से अक्तूबर तक प्रस्तावित
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 8वीं आर्थिक गणना के लिए हुई राज्य स्तरीय समन्वय समिति (एसएलएससी) की बैठक में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी तैयारियां समय से पूरी करने के निर्देश दिए हैं। जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण फरवरी तक और उपजिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर, एन्यूमरेटर व सुपरवाइजर का प्रशिक्षण मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा।
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 में देशव्यापी 8वीं आर्थिक गणना अप्रैल से अक्तूबर तक प्रस्तावित है। सोमवार को मुख्य सचिव ने एसएलएससी की बैठक में कहा कि आर्थिक गणना को निर्धारित समय में कराने के लिए सभी संबंधित विभाग समन्वय सुनिश्चित करें। इस गणना में लोगों की आर्थिक स्थिति के आंकड़े जुटाए जाएंगे। यह गणना सरकारी योजनाओं को बनाने में उपयोगी होगी। इसमें प्रदेश के सभी उद्यमों की स्थिति, कामकाज की प्रकृति, रोजगार आदि से जुड़े आधारभूत व प्रमाणित आंकड़े होंगे। इससे योजनाओं और नीतियों को बेहतरीन तरीके से बनाया जा सकेगा।
बैठक में मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी राजू, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, प्रमुख सचिव एमएसएमई आलोक कुमार, प्रमुख सचिव व्यावसायिक शिक्षा डॉ. हरिओम, प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन के. रविंद्र मौजूद थे।
Economic Census: अप्रैल 2025 से शुरू होगी आठवीं आर्थिक गणना, मास्टर ट्रेनरों की तैनाती के साथ तैयारी शुरू
22 जनवरी 2025
भारत सरकार के सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के निर्देशन में आठवीं आर्थिक गणना की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह गणना अप्रैल 2025 से शुरू होगी
आठवीं आर्थिक गणना की तैयारियां भारत सरकार के सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के निर्देशन में शुरू हो गई है। आर्थिक गणना की शुरुआत अप्रैल 2025 से होनी है। इससे पहले सभी तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
जिले में जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनरों के अलावा ब्लॉक स्तर पर मास्टर ट्रेनरों की तैनाती की जा चुकी है। मास्टर ट्रेनर गणना कर्मियों को प्रशिक्षण देंगे। प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए यह आर्थिक गणना महत्वपूर्ण है। आर्थिक गणना के लिए जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर तैनात किए गए हैं। यह सभी मास्टर ट्रेनर अर्थ एवं संख्या विभाग के अधिकारी हैं। इसके अलावा ब्लॉक स्तरीय मास्टर ट्रेनर तैनात किए गए हैं।
आर्थिक गणना की शुरुआत अप्रैल महीने से होनी है। इसके लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आर्थिक गणना के लिए प्रगणकों की तैनाती करते हुए सूचना अर्थ एवं संख्या विभाग को देने को कहा है।
आर्थिक गणना के दौरान गणना कर्मी हर घर को जाएंगे। परिवार की आय क्या है। कितने लोग नौकरी कर रहे हैं। सरकारी नौकरी है, प्राइवेट नौकरी है, व्यवसाय क्या है। व्यवसाय से आय कितनी होती है। आदि का पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा। इस गणना के आधार पर जिले की अर्थव्यवस्था का डाटा तैयार हो जाएगा।