एक अप्रैल से लागू होगी एकीकृत पेंशन योजना (UPS), NPS का विकल्प भी खुला रहेगा, केंद्रीय कर्मी नए पोर्टल पर अपने लिए पेंशन योजना चुन सकेंगे
नई दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित की गई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की अधिकांश शर्ते निर्धारित कर दी गई हैं। सरकार ने कर्मचारियों के लिए एनपीएस और यूपीएस दोनों विकल्प खुले रखे हैं। कर्मचारी दोनों में से कोई एक पेंशन योजना चुन सकते हैं। इसके लिए सरकार 31 मार्च 2024 से पहले एक एकीकृत पोर्टल शुरू करेगी, जिसके माध्यम से चयन किया जा सकेगा।
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) एनपीएस के साथ यूपीएस का भी संचालन करेगा और इसके लिए जल्द दिशा-निर्देश जारी करेगा। अधिसूचना के मुताबिक, जो कर्मचारी 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं और जिन्होंने एनपीएस को चुना है, केवल उन्हें यूपीएस से जुड़ने का मौका मिलेगा। यह स्पष्ट किया गया है कि मौजूदा कर्मी और भविष्य के कर्मचारी, दोनों के पास यह विकल्प होगा कि वे एनपीएस के तहत यूपीएस चुनें। या बिना यूपीएस के एनपीएस को जारी रखें। एक बार विकल्प चुनने के बाद उसमें बदलाव नहीं किया जा सकेगा।
ये फायदे नहीं मिलेंगे: अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि जो कर्मचारी यूपीएस विकल्प चुनेंगे, वे किसी अन्य नीतिगत रियायत, नीतिगत बदलाव, आर्थिक लाभ या बाद में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के साथ किसी भी प्रकार की समानता का दावा करने के पात्र नहीं होंगे और न ही इसका दावा कर सकेंगे।
सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए टॉप-अप प्रक्रिया
इसके अलावा एनपीएस अपनाने वाले जो कर्मचारी अब सेवानिवृत्ति हो चुके हैं, वे भी इसे अपना सकते हैं। ऐसे कर्मचारियों को एनपीएस फंड की राशि का समायोजन करने के बाद पेंशन मिलेगी। अधिसूचना में कहा गया है कि पीएफआरडीए ऐसे कर्मियों के लिए टॉप-अप राशि उपलब्ध कराने के लिए नई व्यवस्था लागू करेगा।
वीआरएस लेने वालों को करना होगा इंतजार
जो कर्मचारी नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले चुके हैं, वे भी यूपीएस को अपना सकते हैं लेकिन उनके लिए 25 साल की सेवा का प्रावधान लागू होगा। इसका मतलब यह है कि उन्हें 60 साल की उम्र तक पूरी होने का इंतजार करना होगा।
ये शर्तें भी लागू
1 यूपीएस के जरिए पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल की सेवा होना जरूरी है।
2 कर्मचारियों को एनपीएस की तर्ज पर मूल वेतन से 10% का अंशदान करना होगा।
3 सरकार 18.5 प्रतिशत योगदान करेगी। यानी कुल योगदान 28.5% होगा।
4 इस योजना में प्रति माह 10,000 रुपये की न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी।
5 इस्तीफा देने वाले, अथवा बर्खास्त कर्मियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
UPS: एकीकृत पेंशन योजना यानी UPS) को लेकर केंद्र सराकर ने अधिसूचना जारी कर दी है. नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी
UPS स्कीम पुरानी पेंशन योजना (OPS) और NPS दोनों को मिलाकर बनाई गई है. इस स्कीम का मकसद रिटायर्ड कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन राशि देना है. 24 जनवरी 2025 को सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, UPS केवल पात्र कर्मचारियों के लिए कुछ विशेष शर्तों के तहत उपलब्ध होगी.
इन मामलों में मिलेगा फिक्स पेंशन
ऐसे कर्मचारी जो कम से कम 10 साल नौकरी करने के बाद रिटायर्ड होते हैं, उन्हें सेवानिवृत्ति की तारीख से गारंटीड पेंशन मिलेगी. सरकार द्वारा FR 56(j) के तहत रिटायर्ड किए गए कर्मचारी (जिन्हें दंडित नहीं किया गया हो) को भी उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख से पेंशन दी जाएगी.
इसके अलावा ऐसे कर्मचारी जो 25 साल की नौकरी के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेते हैं, उन्हें उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि से पेंशन दी जाएगी. यह योजना उन कर्मचारियों के लिए नहीं होगी जिन्हें सेवा से बर्खास्त या हटाया गया हो. ऐसे मामलों में उनके लिए UPS चुनने का ऑप्शन नहीं होगा.
किसे-कितने मिलेगा पेंशन?
25 या उससे अधिक वर्षों तक नौकरी करने वाले कर्मचारियों को उनकी रिटायरमेंट से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा. वहीं, 25 साल से कम नौकरी करने वाले कर्मचारियों को अनुपातिक पेंशन दी जाएगी.
इसके अलावा 10 या उससे अधिक वर्षों तक नौकरी करने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन दी जाएगी. यदि पेंशनधारी की सेवानिवृत्ति के बाद मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिवार को अंतिम स्वीकृत पेंशन का 60% पारिवारिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा.