अब चेहरा देखकर या ओटीपी सत्यापन के बाद मिलेगा पुष्टाहार, आंगनबाड़ी केंद्रों में हेराफेरी पर लगेगा अंकुश
लाभार्थियों को सिर्फ फेस रिकगनाइजेशन या मोबाइल ओटीपी के सत्यापन के बाद ही दिया जाएगा पोषाहार
लखनऊ : अब सूरत देखकर ही पुष्टाहार का वितरण लाभार्थियों के बीच किया जाएगा। ऐसे में आंगनवाड़ी केंद्रों से पुष्टाहार वितरण में अनियमितता पर अंकुश लगेगा। मुख्यमंत्री तक कई जिलों से शिकायतें पहुंचने के बाद शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों से पात्र महिलाओं और बच्चों को मिलने वाले पोषाहार में हो रही गड़बड़ी पर अंकुश लगाने को कदम बढ़ा दिए हैं। इसके लिए शासन ने नयी व्यवस्था की है।
दरअसल, पहले गर्भवती, धात्री और बच्चों को पोषाहार परिवार के अन्य सदस्य ले जाते थे। लेकिन अब इस व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। अब केंद्रों के पंजीकृत लाभार्थियों को सिर्फ फेस रिकगनाइजेशन या मोबाइल ओटीपी द्वारा सत्यापन के बाद ही पोषाहार दिया जाएगा।
अगर कोई गर्भवती महिला या बच्चे आंगनवाड़ी केंद्र तक पहुंचने में असमर्थ हैं तो उनके अभिभावक को रजिस्टर्ड मोबाइल पर आए ओटीपी के सत्यापन के बाद ही राशन दिया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पोषण ट्रेकर पोर्टल पर आंगनबाड़ी केंद्रों के गर्भवती व धात्री महिलाओं और बच्चों के फोटो को चेहरे की पहचान के लिए आंगनबाड़ी वर्कर द्वारा पोर्टल पर अपलोड कराने शुरू कर दिये हैं। केंद्रों में पंजीकृत लाभर्थियों को पोषाहार वितरण के समय उपस्थित रहते हुए अपनी पहचान करानी होगी इसके लिए पोषण ट्रैकर द्वारा स्कैनिंग की जायेगी।
इससे पहले पाया गया था कि अधिकांश लाभार्थी के अभिभावक या परिवारजन आंगनबाड़ी केंद्रों पर राशन लेने के लिए चक्कर काटते रहते हैं, जबकि ये राशन लाभार्थी तक नहीं पहुंचता है इसका दुरुपयोग किया जा रहा था। नई व्यवस्था के बाद पोषाहार सीधे लाभार्थी को मिलेगा।