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Thursday, January 2, 2025

यूपी : अधिकारियों की मनमानी से विभागों में बढ़ते जा रहे संविदा कर्मचारी, कार्मिक विभाग का स्पष्ट आदेश है कि बहुत जरूरी होने पर ही संविदा कर्मी रखे जाएंगे

यूपी : सरकारी विभागों में 6.12 लाख कर्मियों के सहारे चल रहा काम

अधिकारियों की मनमानी से विभागों में बढ़ते जा रहे संविदा कर्मचारी, कार्मिक विभाग का स्पष्ट आदेश है कि बहुत जरूरी होने पर ही संविदा कर्मी रखे जाएंगे


लखनऊ। प्रदेश के सरकारी विभागों में 6.12 लाख संविदा और आउटसोर्स कर्मियों के सहारे काम चलाया जा रहा है। दो विभागों बाल विकास पुष्टाहार और स्थानीय निकायों में इनकी संख्या सर्वाधिक है। बाल विकास पुष्टाहार में 2.88 लाख तो निकायों में 1.70 लाख ऐसे कर्मचारी काम कर रहे हैं। यह स्थिति तब है जब प्रदेश के 28 विभागों ने ही मात्र कार्मिक विभाग को इसकी सूचना दी है। सभी विभागों की संख्या मिलने के बाद यह आंकड़ा काफी चौंकाने वाला हो सकता है। 


इससे माना जा रहा है कि राज्य सरकार के लाख प्रयास के बाद भी सरकारी विभागों में संविदा कर्मियों की संख्या अधिकारियों की मनमानी से बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार ने सरकारी कामकाज के लिए स्थाई कर्मियों की व्यवस्था की है। इसके लिए आयोग और बोर्डों का गठन किया गया है। इनके द्वारा लगातार कर्मियों की भर्तियां की जा रही हैं। सरकारी विभागों, स्कूलों और निकायों में 17.78 लाख के आसपास कर्मचारी बताए जाते हैं। 


कार्मिक विभाग का स्पष्ट आदेश है कि बहुत जरूरी होने पर ही समूह 'ग' व 'घ' के पदों पर ही संविदा कर्मी रखे जाएंगे। इसके बाद भी उच्चाधिकारी द्वारा अपने स्तर पर सभी पदों पर संविदा कर्मियों को रख रहे हैं। इससे खराब स्थिति तो यह है कि सरकारी विभागों द्वारा बार- बार सूचना मांगे जाने के बाद भी इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है।


संविदा कर्मियों के लिए नई नीति जल्द

राज्य सरकार संविदा कर्मियों को लेकर नई नीति लाना चाहती है। इसीलिए बार-बार ऐसे कर्मियों की संख्या मांगी जा रही है। इसमें यह देखा जा रहा है कि इन्हें रखते समय योग्यता, पात्रता और आरक्षण का पालन किया गया है या नहीं। यह भी देखा जा रहा है कि ऐसा तो नहीं बिना मतलब के ही कर्मियों को रखकर अपनों को उपकृत किया जा रहा है या फिर कोई खेल चल रहा है। इसीलिए कार्मिक विभाग से इसके लिए पूरी सूचना एकत्र करने का निर्देश उच्च स्तर से दिया गया है। श्रम विभाग संविदा, आउटसोर्स और दैनिक रूप से रखने जाने वाले कर्मियों के लिए नीति बनाने की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे इनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।


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