UPS लागू होने से राज्यों पर बढ़ेगा दबाव, 18.5 प्रतिशत हो जाएगा राज्यों का योगदान
कई राज्य अपने कर्मियों के लिए कर सकते हैं यूपीएस की घोषणा
इससे पेंशन फंड में 18.5 प्रतिशत हो जाएगा राज्यों का योगदान
नई दिल्लीः इस साल अगस्त में केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने की घोषणा की। माना जा रहा है कि कई राज्य भी अपने कर्मचारियों के लिए यूपीएस लागू करने जा रहे हैं। महाराष्ट्र इसकी घोषणा कर चुका है और अन्य राज्यों की घोषणा भी पाइपालाइन में है।
यूपीएस की घोषणा से पहले राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब जैसे कई राज्यों ने एनपीएस की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) फिर से लागू करने का एलान कर दिया था, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति काफी दबाव में आने की आशंका जाहिर की जा रही थी। लेकिन पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च का मानना है कि यूपीएस लागू करने से भी राज्यों पर आर्थिक दबाव पड़ेगा।
यूपीएस लागू करने पर राज्य सरकार को एनपीएस की तुलना कर्मचारियों के पेंशन फंड में अधिक वित्तीय योगदान करना होगा। एनपीएस में उन्हें कर्मचारियों के वेतन का 14 प्रतिशत पेंशन फंड में देना होता था। यूपीएस में यह योगदान बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो जाएगा, जबकि कर्मचारियों का योगदान नहीं बढ़ेगा। एनपीएस के तहत कर्मचारियों की निर्धारित पेंशन नहीं थी। यूपीएस में कर्मचारियों के अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में देना अनिवार्य होगा। अगर पेंशन फंड से सरकार इस शर्त को पूरा नहीं कर पाएगी, तो उसे अलग से बजटीय प्रविधान करना होगा। यूपीएस में कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद ग्रेच्युटी के अलावा भी ठीकठाक राशि मिलेगी।
पीआरएस के मुताबिक, चुनावी रेवड़ी की वजह से राज्यों की वित्तीय स्थिति पहले से ही नाजुक दिख रही है। कई राज्यों की पेंशन, वेतन, सब्सिडी व ब्याज भुगतान का खर्च ही उनके राजस्व का 80 प्रतिशत से अधिक हो चला है। महिलाओं के साथ कई अन्य स्कीम के तहत अन्य लोगों को राज्य सरकार मुफ्त में राशि दे रही है। चालू वित्त वर्ष में कर्नाटक में सिर्फ महिलाओं के खाते में 28,000 करोड़ रुपये मुफ्त में दिए जाएंगे। महाराष्ट्र में इस मद में सालाना 46,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि महिलाएं इन राशियों को घर के सामान के लिए खर्च कर देती हैं, जिससे मांग का सृजन होता है।
केंद्र सरकार ने तैयार किया UPS पेंशन की नई स्कीम का ड्राफ्ट, कर्मचारियों को 31 मार्च तक चुनना होगा NPS चाहिए या UPS
एकमुश्त राशि नहीं, पर 100% फंड निवेश संभव
केंद्र सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के विकल्प के तौर पर यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने जा रही है। यूपीएस का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, जिसके अनुसार गाइडलाइन बनाई जाएगी। यह दिसंबर तक तैयार हो जाएगी। इसी के अनुसार कर्मचारियों को 31 मार्च तक एनपीएस और यूपीएस में से कोई एक विकल्प चुनना होगा।
एक अप्रैल 2025 से यूपीएस लागू की जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से तैयार की जा रही गाइडलाइन के अनुसार, कर्मचारियों के पास फंड में जमा 100% राशि के निवेश का विकल्प रहेगा। एनपीएस में कर्मचारी सरकार की ओर से सुझाए गए 12 सर्विस प्रोवाइडर के जरिए 50% राशि तक का निवेश बाजार जोखिम के अनुसार कर सकते थे।
यूपीएस में केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय एकमुश्त राशि निकालने का विकल्प नहीं मिलेगा। यानी उनके फंड में जमा 100% राशि का उपयोग पेंशन में किया जाएगा। वहीं, एनपीएस की बात करें तो इसमें से 60% राशि कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय मिलती थी।
बाकी बची 40% राशि से ही उसकी पेंशन बनती थी। यूपीएस में सरकार अपना अंशदान बढ़ाएगी। एनपीएस में सरकार 14% योगदान देती थी। यूपीएस में 4.5% बढ़ाकर 18.50% देगी। यानी एनपीएस में कर्मचारी के 10% मिलाकर कॉपर्स फंड में कुल 24% राशि जमा होती थी।
यूपीएस में यह 28% हो जाएगी। हालांकि, पेंशन फंड में 20% राशि ही जाएगी। यानी 8.50% पर कर्मचारी का हक नहीं होगा। यह राशि सरकारी पूल में जमा होगी। इसका उपयोग कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उसकी जमा राशि एन्युटी से जो पेंशन देय होगी उसमें 50% पेंशन में कमी होने पर पूल में जमा राशि का उपयोग होगा।
एनपीएस से बेहतर है यूपीएस, इसमें अंतिम वेतन के 50% पेंशन की गारंटी... पर ओपीएस वाली बात नहीं
कॉपर्स फंड.... एनपीएस में कॉपर्स 24% जाएगा। इस फंड में से 50% को कर्मचारी बाजार जोखिम के अनुसार निवेश कर सकता है। यूपीएस में भी कर्मचारी का अंशदान 10% होगा, पर सरकार का योगदान 18.50% होगा। यानी कॉपर्स फंड 28.50% का होगा। हालांकि पेंशन फंड में 20% राशि ही जाएगी। यानी यूपीएस में एन्युटी में जमा होने वाली राशि एनपीएस से 4% कम है। यानी कॉपर्स फंड एनपीएस में अधिक है। हालांकि, यूपीएस में 8.50% का पूल फंड रहेगा। यह पेंशन में इस्तेमाल होगा।
एकमुश्त निकासी... एनपीएस में रिटायरमेंट पर 60% राशि निकाल सकते हैं। यूपीएस में एन्युटी 100% जमा राशि पर ही बनेगी।
पेंशन... एनपीएस में पेंशन 40% एन्युटी पर ही मिलती है। यूपीएस में एन्युटी 100% होगी। ऐसे में यूपीएस चुनने पर पेंशन की राशि 50% (स्थिर) होगी। एक्सपर्ट बोले- पेंशन के विकल्प के तौर पर देखें तो यूपीएस बेहतर है। यानी इसमें पेंशन राशि बढ़ सकती है। एनपीएस में असंजस की स्थिति रहती है। इस तरह देखें तो एनपीएस के मुकाबले यूपीएस बेहतर है। हालांकि इसमें ओपीएस जैसी बात नहीं है।
8.50% का उपयोग कब होगा? एन्युटी में जमा राशि से यदि पेंशन 50% नहीं बनती है तो पूल में जमा 8.50% का उपयोग होगा। ताकि रिटायरमेंट के समय मूल वेतन का 50% कर्मचारी को मिल सके। उदाहरण- मान लें कि एन्युटी की जमा राशि 80 लाख रु. है। इस पर मौजूदा 7% के हिसाब से सालाना रिटर्न 5.60 लाख रु. होगा। यानी महीने का 46,000 रु.। यदि अंतिम वेतन एक लाख रु. है तो पेंशन 50,000 रु. बनेगी। क्यूंकि रिटर्न और पेंशन में अंतर 4,000 रुपए है। इसलिए हर माह पेंशन के लिए 4 हजार रु. इसी 8.5% के पूल फंड से दिया जाएगा।
पेंशन का विकल्प... कर्मचारी की मृत्यु के बाद पत्नी को पेंशन दी जाती है। तब उसे पूल फंड की राशि मिल जाएगी। पत्नी पेंशन का विकल्प चुनती है तो यह राशि नहीं मिलेगी। पत्नी की भी मृत्यु हो जाती है तो पूल फंड में जमा पूरी राशि आश्रित को मिल जाएगी। उसे पेंशन नहीं मिलेगी। एनपीएस में भी यही व्यवस्था है।