सेवानिवृत्त कर्मचारी का बकाया देने से मना नहीं कर सकतेः हाईकोर्ट
कोर्ट ने गाजीपुर के नगर पंचायत दिलदार नगर के खाते सिविल जज से अटैच कर दिए
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, वित्तीय कठिनाइयों का हवाला देकर स्वीकृत सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान करने से मना नहीं किया सकता। कोर्ट ने यह टिप्पणी कर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बकाये सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान नहीं करने पर गाजीपुर के नगर पालिका परिषद दिलदार नगर के सभी खाते सिविल जज से अटैच कर दिए। साथ ही इसकी रिपोर्ट बृहस्पतिवार को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की पीठ ने खूबलाल राम की याचिका पर दिया।
याची नगर पालिका परिषद दिलदार नगर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद से 2018 को सेवानिवृत्त हुआ था। पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति लाभों का उसे भुगतान नहीं किया गया। इसके खिलाफ याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। अधिवक्ता अवधेश कुमार मालवीय ने दलील दी कि याची की पेंशन के साथ ही 5,07,527 रुपये बकाये का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
ऐसे में याची को जीविकोपार्जन में पशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोर्ट के दो दिसंबर के आदेश के बाद एक लाख रुपये का भुगतान किया गया। शेष राशि का भुगतान इस आधार पर नहीं किया कि कर्मचारियों के वेतन आदि का भुगतान किया जाना है। नौ दिसंबर को कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत दिलदार नगर व नगर पंचायत अध्यक्ष को एक सप्ताह में बकाया राशि का भुगतान करने का समय दिया था। कहा था कि भुगतान नहीं किया गया तो नगर पंचायत की संपत्तियां कुर्क होंगी व खाते जब्त किए जाएंगे।
17 दिंसबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि कार्यकारी अधिकारी और परिषद के अध्यक्ष अभी भी अपने रुख पर कायम हैं कि वित्तीय कमी से भुगतान नहीं किया जा सकता है। उन्हें भुगतान करने के लिए और समय चाहिए। इस पर कोर्ट ने नगर पंचायत दिलदार नगर के समस्त खातों को सिविल जज गाजीपुर से अटैच करने का आदेश दिया।