यूपी : सरकारी वाहन चालकों व अनुसेवकों का वर्दी भत्ता, वर्दी नवीनीकरण व वर्दी धुलाई भत्ता बढ़ा
सरकारी कर्मचारियों को नए साल का तोहफा, इन लोगों का बढ़ा वर्दी भत्ता, जूते से लेकर छाते तक के पैसे बढ़े
यूपी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को नए साल का तोहफा दिया है। सरकार ने सचिवालय से इतर अधीनस्थ राजकीय कार्यालयों में सरकारी वाहन चालकों व अनुसेवकों का वर्दी भत्ता, वर्दी नवीनीकरण व वर्दी धुलाई भत्ता बढ़ा दिया है।
सरकारी कर्मचारियों को नए साल का तोहफा, इन लोगों का बढ़ा वर्दी भत्ता, जूते से लेकर छाते तक के पैसे बढ़े
यूपी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को नए साल का तोहफा दिया है। सरकार ने सचिवालय से इतर अधीनस्थ राजकीय कार्यालयों में सरकारी वाहन चालकों व अनुसेवकों का वर्दी भत्ता, वर्दी नवीनीकरण व वर्दी धुलाई भत्ता बढ़ा दिया है। अब वर्दी खरीदने के लिए 680 के बजाए 1020 रुपये मिलेंगे। जबकि रेनकोट खरीदने के लिए 500 रुपये के बजाए 750 रुपये मिलेंगे।
एमएसएमई विभाग ने इस संबंध शासनादेश जारी कर दिया है। शीतकालीन वर्दी के लिए 1310 रुपये के बजाए 1965 रुपये, जूते के लिए 164 रुपये के बजाए 246 रुपये, छाते के लिए 96 रुपये के बजाए 144 रुपये मिलेंगे। रेनकोट पांच साल में एक बार मिलेगा। ग्रीष्म कालीन वर्दी चार साल में एक बार, शीतकालीन वर्दी तीन साल में एक बार मिलेगी। महिलाओं को ग्रीष्म कालीन वर्दी हर साल, वाहन चालकों को शीतकालीन वर्दी तीन साल में मिलेगी।
वर्दी धुलाई भत्ता
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वर्दी धुलाई भत्ते के 40 रुपये के बजाए 60 रुपये मिलेंगे। जबकि वाहन चालक को 60 रुपये के बजाए 90 रुपये मिलेंगे। सचिवालय से इतर चतुर्थ श्रेणी के मौलिक रूप से नियुक्त एवं पांच वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके सभी स्थाई जमादार, अर्दली, दफ्तरी, पत्र वाहक, कार्यालय चपरासी व राजकीय वाहन चालक को ही वर्दी भत्ता मिलेगा। इसके अलावा जिन कार्मिको को पूर्व में साफा उपलब्ध था, उन्हें ही साफा मिलेगा।
विभागाध्यक्ष व समकक्ष के साथ संबंद्ध चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को जनपद व मंडल स्तर पर कार्यात्मक परीक्षण करा कर केवल चिन्हित कार्मिकों को ही साफा दिया जाएगा।
बिना वर्दी पर कार्रवाई
एमएसमएई विभाग के सचिव प्रांजल यादव ने सभी सभी मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव व विभागाध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि वर्दी पहन कर ड्यूटी पर न आने वाले उक्त श्रेणी के कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।