राजस्व परिषद प्रशिक्षण देकर अमीनों से लेगा लेखपालों का भी काम, दो गांवों में एक लेखपाल की तैनाती का है लक्ष्य
• लेखपालों की कमी पूरी करने के लिए होगी नई व्यवस्था
• राजस्व परिषद करेगा दो गांवों में एक लेखपाल की तैनाती
• 1.10 लाख गांव में हैं उत्तर प्रदेश में, 50 हजार लेखपालों की आवश्यकता है प्रदेश में
• 30,800 पद स्वीकृत हैं, जबकि 23 हजार लेखपाल तैनात हैं
• 20 हजार के आसपास और लेखपालों की आवश्यकता है
• 9 हजार पद है अमीनों के, पांच हजार पदों पर ही नियुक्ति, चार हजार पद भरे जाने हैं
लखनऊ: आनलाइन राजस्व वसूली व्यवस्था लागू होने के बाद वसूली कार्य से हल्के हुए अमीन अब लेखपालों की कमी पूरी करेंगे। राजस्व परिषद ने अमीनों से भी लेखपाल का काम लेने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए अमीनों को प्रशिक्षण देकर लेखपाल का कार्य करने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके बाद दो-दो गांवों पर एक-एक लेखपाल की तैनाती की जाएगी।
राजस्व परिषद ने अमीन संघ के साथ बैठक करके इस व्यवस्था को लेकर चर्चा भी कर ली है। कागजों पर अमीनों के पद बने रहेंगे, लेकिन काम लेखपालों का करेंगे। वर्तमान में लेखपालों के 30,800 पद स्वीकृत हैं। इसकी तुलना में केवल 23,000 लेखपाल ही तैनात हैं। प्रदेश में 1.10 लाख गांव हैं। गांवों की संख्या के हिसाब से राजस्व परिषद को कम से कम 50 हजार लेखपाल चाहिए। इस कमी को पूरा करने के लिए अमीनों से लेखपाल का काम लेने का फार्मूला राजस्व परिषद ने निकाला है।
प्रदेश भर में अमीनों के 9,049 में से 5000 पद ही भरे हैं, 4049 पदों को भरा जाना है। इसी प्रकार अनुसेवकों के 9,554 पदों में से 5000 हजार पद ही भरे हैं। अभी एक लेखपाल के जिम्मे पांच से छह गांव हैं। राजस्व विभाग में लेखपाल व अमीन दोनों पद महत्वपूर्ण हैं। अंग्रेजों के समय में इन पदों को सृजित किया गया था। अब राजस्व परिषद विभागीय ढांचे के पुनर्गठन की तैयारी कर रहा है।
इस संदर्भ में बीते दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई विभाग की समीक्षा बैठक में रिक्त पदों को भरने की योजना पर मंथन किया गया था। राजस्व परिषद की तरफ से रिक्त पदों को जल्द भरने का प्रस्ताव शासन को दिया गया है। फिलहाल अमीनों के साथ एक-एक अनुसेवक की भी तैनाती की जाती है, इसलिए अमीन अपना पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
इस बारे में अमीन संघ के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश कुमार शर्मा ने बताया कि बीते दिनों राजस्व परिषद प्रबंधन के साथ हुई बैठक में मंथन किया गया है। आनलाइन राजस्व वसूली व्यवस्था में जिलों में वसूली का काम काफी कम रह गया है। इसलिए अमीनों व अनुसेवकों से लेखपाल के या अन्य काम भी लिए जा सकेंगे। इसके लिए विभाग की तरफ से तीन अमीनों व अनुसेवकों को तीन माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अगर परिषद यह व्यवस्था लागू करने में सफल हो जाता है तो लेखपालों की कमी पूरी की जा सकती है।