RRB: एक राज्य-एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के लक्ष्य के साथ ग्रामीण बैंकों के विलय का चौथा चरण शुरू, यूपी समेत देशभर में खत्म हो जाएंगे 15 आरआरबी
वित्त मंत्रालय ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के विलय का चौथा चरण शुरू कर दिया है। इसके तहत, यूपी समेत विभिन्न राज्यों में 15 आरआरबी का वजूद खत्म हो जाएगा। विलय के बाद क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 43 से घटकर 28 रह जाएगी। वित्तीय सेवा विभाग ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों को भेजे पत्र में कहा, कृषि-जलवायु या भौगोलिक प्रकृति और आरआरबी की समुदायों के साथ निकटता बनाए रखने के लिए एक राज्य-एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के लक्ष्य को हासिल करने के वास्ते इन बैंकों को और अधिक समेकित करने की जरूरत महसूस की जा रही है। इससे आरआरबी की दक्षता बढ़ने के साथ लागत भी कम होगी।
आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा चार आरआरबी
आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा चार आरआरबी हैं। उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल में तीन-तीन, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान दो-दो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक हैं। एक राज्य-एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक’ के लक्ष्य के तहत इनका विलय होगा। बता दें कि तेलंगाना में विलय आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक की परिसंपत्तियों व देनदारियों को तेलंगाना ग्रामीण बैंक के साथ विभाजन के अधीन होगा।
51 फीसदी से कम नहीं होगी केंद्र की हिस्सेदारी
केंद्र ने 2004-05 में आरआरबी के समेकन की पहल की थी। इसके परिणामस्वरूप तीन चरणों के विलय के जरिये 2020-21 तक ऐसे बैंकों की संख्या 196 से घटकर 43 रह गई। बता दें कि
केंद्र की वर्तमान में आरआरबी में 50 फीसदी हिस्सेदारी है।
विलय के बाद भी आरआरबी में केंद्र और प्रायोजक सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम नहीं होगी।