पुलिसकर्मियों के शहीद होने पर उनके परिवार को दी जाने वाली 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद में सामने आने वाली कानूनी अड़चनें दूर, नया शासनादेश जारी
माता-पिता नहीं हैं तो पूरी धनराशि पत्नी को मिलेगी
यूपी में पुलिस कर्मियों के शहीद होने पर उनके परिवार को दी जाने वाली 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद में सामने आने वाली कानूनी अड़चनों को दूर कर लिया गया है। अब मंगलवार को जारी हुए नए शासनादेश में सब कुछ साफ कर दिया गया है। इसके तहत किसी भी पुलिस कर्मी के शहीद होने पर सरकार की तरफ से मिलने वाली मदद अब जीवन साथी अथवा उनके कानूनी वारिस को दी जा सकेगी।
लखनऊ। यूपी में पुलिस कर्मियों के शहीद होने पर उनके परिवार को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में अब कानूनी अड़चनें नए शासनादेश से खत्म हो गई हैं। यह नियमावली कई विशेषज्ञों से राय मशविरा के बाद तैयार की गई है। वर्तमान में अगर कोई पुलिस कर्मी डयूटी पर रहते हुए शहीद होता है तो उसके आश्रितों को 50 लाख रुपये मदद दी जाती है जबकि सड़क हादसे अथवा अन्य वजह से मौत होने पर 25 लाख रुपये की मदद दी जाती है।
अब यह होगी नई व्यवस्थाः इस नए शासनादेश के मुताबिक अगर मृत पुलिस कर्मी के माता-पिता में कोई जीवित नहीं है तो पूरी धनराशि उसकी पत्नी को दी जाएगी। अभी तक शहीद होने पर आश्रितों को मिलने वाली 50 लाख रुपये में से 40 लाख रुपये पत्नी को और 10 लाख रुपये माता-पिता को देने की व्यवस्था थी। इसी तरह मृतक पुलिस कर्मी की पत्नी अगर जीवित नहीं है तो पूरी धनराशि उनके माता-पिता को दी जाएगी। अगर मृतक पुलिस कर्मी की पत्नी व उनके माता- पिता में कोई जीवित नहीं है तो पूरी धनराशि उनके कानूनी उत्तराधिकारी को दी जाएगी।
इसी तरह एक और जरूरी बिन्दु रखा गया है। इसमें अगर मृतक पुलिस कर्मी विवाहित महिला है तो उसके पति को पूरी धनराशि दी जाएगी। अगर पति भी जीवित नहीं है तो मृतका के कानूनी उत्तराधिकारी को यह धनराशि दी जाएगी। मृतक अगर अविवाहित था तो माता-पिता को राशि दी जाएगी।