UPI पेमेंट को आसान बनाने के लिए RBI ने दोगुनी कर दी ट्रांजेक्शन लिमिट, जानें नई लिमिट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को डिजिटल भुगतान समाधान UPI लाइट की लिमिट को बढ़ाने की घोषणा की है। अब UPI लाइट के तहत प्रति लेन-देन की सीमा बढ़ाकर 1,000 रुपये और वॉलेट में अमाउंट रखने की लिमिट 5,000 रुपये तक कर दी गई है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसले की घोषणा करते हुए बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन कुछ लेन-देन की सीमाएं बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, “UPI123Pay में प्रति लेन-देन की सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, UPI Lite वॉलेट की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये और प्रति लेन-देन की सीमा 100 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये की गई है।”
UPI लिमिट बढ़ाकर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का प्रयास: RBI
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने UPI की सीमा बढ़ाने का उद्देश्य UPI को अधिक सुविधाजनक और समावेशी बनाना बताया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह कदम UPI के व्यापक उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है।
कौन सी UPI लिमिट आपके लेन-देन के लिए है?
🔴 UPI123Pay यूजर:
UPI123Pay के लिए UPI लिमिट में बदलाव उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो स्मार्टफोन नहीं इस्तेमाल करते या फीचर फोन का उपयोग करते हैं। इस सेगमेंट के लिए RBI ने मौजूदा भुगतान सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है। यह फीचर खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयोगी है जो इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने पर भी UPI से डिजिटल भुगतान करना चाहते हैं। भुगतान के लिए यूजर को 4-6 अंकों का ट्रांजेक्शन पिन इस्तेमाल करना होता है।
🔴 UPI Lite वॉलेट:
अब UPI Lite वॉलेट का उपयोग करके 5,000 रुपये तक का भुगतान किया जा सकता है, जबकि पहले यह सीमा 2,000 रुपये थी। UPI Lite एक डिजिटल वॉलेट की तरह है, जिसे मोबाइल डिवाइस पर छोटे लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
UPI Lite भुगतान प्रणाली बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग किए बिना काम करती है। UPI Lite वॉलेट में यूजर अब 5,000 रुपये तक का बैलेंस रख सकते हैं, जो पहले 2,000 रुपये था। इस बैलेंस का उपयोग छोटे लेन-देन के लिए किया जा सकता है। पहले, इस प्रणाली में प्रति लेन-देन सीमा 100 रुपये थी, जिसे अब RBI ने बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया है। जब बैलेंस खत्म हो जाता है, तो इसे लिंक किए गए बैंक खाते से फिर से भरा जा सकता है।
घोषणा के दौरान, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी बताया कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट को 6.50% पर स्थिर रखने का फैसला किया है। रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर कमर्शियल बैंकों को केंद्रीय बैंक से उधारी मिलती है।