दिल्ली हाईकोर्ट की एक एकल पीठ ने हाल में एक रिट याचिका पर निर्णय देते हुए कहा कि कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारी जैसे सेवा रिकॉर्ड, पदोन्नति और वित्तीय लाभों की प्रतियों का खुलासा आरटीआई अधिनियम के तहत नहीं किया जा सकता।
जस्टिस संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि सीआईसी ने ऐसी जानकारी के खुलासे का निर्देश दिया है जो पूरी तरह से कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारी है और इस जानकारी को आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1) के खंड (जे) के तहत खुलासे से छूट दी गई है।
अदालत ने आगे कहा कि मामले में ऐसा कुछ भी रिकॉर्ड में नहीं लाया गया है, जिससे पता चले कि व्यापक जनहित शामिल था जिसके लिए ऐसी जानकारी के खुलासे की आवश्यकता थी, भले ही उसे छूट दी गई हो। अदालत ने पाया कि सीआईसी ने शिक्षा निदेशालय को अपनी नियामक क्षमता के तहत स्कूलों से कुछ जानकारी देने के लिए कहने का निर्देश दिया था, हालांकि, आदेश में इस तथ्य पर विचार नहीं किया गया कि मांगी गई जानकारी स्कूल के कर्मचारियों की संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी और सेवा रिकॉर्ड से संबंधित थी।
दिल्ली हाईकोर्ट अदालत ने माना कि सीआईसी द्वारा पारित 14 मई, 2019 का आदेश अस्थिर था। इसलिए इसे न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया। उपर्युक्त टिप्पणियों के साथ, रिट याचिका को अनुमति दी गई।