नॉमिनी होने भर से दूसरी पत्नी पेंशन की हकदार नहीं : बॉम्बे हाईकोर्ट
मुंबईः बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि केवल नॉमिनी होने के नाते सरकारी कर्मचारी की दूसरी पत्नी को उत्तराधिकार से जुड़े लाभ हक नहीं मिल सकता है। एक कर्मचारी की दो विधवा पत्नियों के बीच पेंशन से जुड़े विवाद पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
केस के तथ्यों के मद्देनजर कोर्ट ने कर्मचारी की दूसरी बीवी को पेंशन का लाभ देने से इनकार कर दिया है। फैसले में कोर्ट ने माना है कि नॉमिनी होने के आधार पर दूसरी बीवी को न तो कानूनी तौर पर पत्नी का दर्जा मिलता है और न ही पेंशन के दावा करने का अधिकार। खासतौर से तब जब कर्मचारी की पहली पत्नी जिंदा हो और वह उससे कानूनी तौर पर अलग न हुआ हो।
जस्टिस मिलिंद जाधव ने कहा कि कर्मचारी ने दूसरा विवाह पहली शादी के अस्तित्व के दौरान किया था, इसलिए सिर्फ नॉमिनी होने भर से दूसरी पत्नी को पति के वारिस के तौर पर पेंशन का लाभ नहीं मिल सकता।
यह टिप्पणी करते हुए जस्टिस जाधव ने दूसरी पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही सिविल कोर्ट और जिला अदालत के उस फैसले को कायम रखा, जिसके तहत पहली पत्नी को पति का कानूनी वारिस घोषित किया गया था।