DA/DR : त्यौहारों की शुरुआत पर भी नहीं मिली महंगाई भत्ते की सौगात, कर्मचारियों और पेंशनरों को भारी पड़ रहा इंतजार
डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा, सितंबर माह में कर दी जाती है। इस बार अक्तूबर प्रारंभ हो गया है, लेकिन इन भत्तों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। तीन अक्टूबर को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई थी।
केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि बुधवार को सरकार, महंगाई भत्ता जारी करने की घोषणा कर सकती है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग की। उसमें महंगाई भत्ते का कहीं कोई जिक्र नहीं था। दशहरा भी इसी सप्ताह है। सूत्रों का कहना है कि अभी तक केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी करने से जुड़ी फाइल नहीं पहुंची है। अब दीवाली से पहले महंगाई भत्ते/महंगाई राहत की दरों में चार फीसदी की वृद्धि करने की घोषणा हो सकती है। वर्तमान में 50 प्रतिशत दर के हिसाब से डीए/डीआर मिल रहा है।
बता दें कि डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा, सितंबर माह में कर दी जाती है। इस बार अक्तूबर प्रारंभ हो गया है, लेकिन इन भत्तों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। तीन अक्टूबर को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई थी। उसमें रेल कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस देने की घोषणा की गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि रेल कर्मचारियों के लिए 2029 करोड़ रुपए के बोनस को मंजूरी मिल गई है। इसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों को यह आस बंध गई थी कि 9 अक्तूबर की केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डीए की घोषणा कर दी जाएगी।
'कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स' के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए की दरों में बिना कोई देरी किए वृद्धि करने की मांग की थी। पत्र में कहा गया कि इन भत्तों का भुगतान, अक्तूबर के पहले सप्ताह में हो जाता था। इस बार केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। अगर अक्तूबर माह में केंद्र सरकार, भत्तों व बोनस देने की घोषणा करती है तो उनका भुगतान नवंबर में हो सकेगा। दूसरी तरफ इन भत्तों को तय समय पर जारी न कर सरकार, खुद लाभ कमा रही है।
एसबी यादव के अनुसार, वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि महंगाई भत्ता 'डीए' और महंगाई राहत 'डीआर' एक जुलाई से देय है। अभी तक इन भत्तों की घोषणा नहीं की गई है। आमतौर पर सितंबर के आखिरी सप्ताह में इसकी घोषणा कर दी जाती थी। इसके बाद अक्टूबर के पहले सप्ताह में कर्मचारियों को तीन महीने का बकाया भुगतान किया जाता था। इन भत्तों की घोषणा में हो रही देरी को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में गहरा असंतोष है। नवरात्र, दुर्गा पूजा उत्सव, दशहरा व दीवाली जैसे बड़े त्योहार हैं, लेकिन अभी तक डीए की घोषणा नहीं हो सकी है। यादव ने अपने पत्र में कहा, परिसंघ उपरोक्त मामले में आपके तत्काल हस्तक्षेप की मांग करता है। वित्त मंत्री से अनुरोध है कि वे तत्काल प्रभाव से डीए/डीआर देने की घोषणा करें।
केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए महंगाई भत्ते 'डीए' की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कई माह देरी से की जाती है। इसके द्वारा सरकार, खुद लाभ कमा लेती है। चूंकि डीए/डीआर की दरों में हुई बढ़ोतरी से सरकार पर हजारों करोड़ रुपये का भार पड़ता है। ऐसे में सरकार, डीए/डीआर की घोषणा, तीन चार माह देरी से करती है। इस अवधि के दौरान सरकार का पैसा निवेश होता है, जिस पर उसे अच्छा खासा ब्याज मिलता है। नियमानुसार, पहली जनवरी और पहली जुलाई से महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी करने का प्रावधान है, लेकिन केंद्र सरकार हर दफा यह घोषणा करने में तीन चार माह की देरी कर देती है। अमूमन सितंबर में डीए की घोषणा हो जाती है, लेकिन इस बार अभी तक सरकार ने डीए बढ़ोतरी को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है।
अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव और राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड के वरिष्ठ सदस्य सी.श्रीकुमार ने कहा, सरकार को इस मामले में देरी नहीं करनी चाहिए। जब पहली जनवरी और पहली जुलाई से डीए बढ़ोतरी का नियम है तो इसमें कई माह की देरी क्यों हो रही है। केंद्र सरकार के लगभग 48 लाख कर्मियों और 62 लाख पेंशनरों को डीए/डीआर में बढ़ोतरी का फायदा मिलता है। ऐसे में सरकार को हजारों करोड़ रुपये कर्मियों की सेलरी में देने पड़ते हैं। अगर यह राशि देने में तीन चार माह की देरी होती है तो सरकार हजारों करोड़ रुपये बचा लेती है।
नई दिल्ली, [01 अक्टूबर] – केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों में महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की घोषणा में देरी को लेकर भारी असंतोष व्याप्त है। इसी संदर्भ में एस.बी. यादव, महासचिव, कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि सामान्य रूप से महंगाई भत्ते की किस्त की घोषणा हर साल 1 जुलाई से प्रभावी होती है, जिसे सितंबर के अंतिम सप्ताह में जारी किया जाता था और तीन माह का एरियर अक्टूबर के पहले सप्ताह में भुगतान किया जाता था। लेकिन इस वर्ष अब तक DA/DR की घोषणा नहीं की गई है, जिससे लाखों कर्मचारी और पेंशनर नाराज हैं।
इसके साथ ही, पत्र में यह भी कहा गया है कि दुर्गा पूजा जैसे प्रमुख त्योहार के नजदीक आने के बावजूद, उत्पादकता लिंक्ड बोनस (PLB) और तदर्थ बोनस की भी अब तक घोषणा नहीं हुई है, जिससे कर्मचारियों में निराशा और अधिक गहराती जा रही है।
कन्फेडरेशन ने वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि वे इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान दें और DA/DR के आदेशों के साथ-साथ बोनस के आदेशों की समय पर घोषणा सुनिश्चित करें, ताकि कर्मचारियों को राहत मिल सके।
इस मुद्दे पर देशभर में नाराजगी का माहौल बना हुआ है, और यदि जल्द ही इस पर निर्णय नहीं लिया गया, तो यह असंतोष और बढ़ सकता है। कर्मचारी वर्ग वित्त मंत्रालय से जल्द से जल्द सकारात्मक कदम की उम्मीद कर रहा है।