लखनऊ, राज्य सरकार द्वारा कर्मियों द्वारा संपत्तियों का ब्योरा देने की मियाद सोमवार को समाप्त हो गई। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 827583 कर्मियों में 95 फीसदी यानी 788506 ने संपत्तियों का ब्यौरा दिया है। यह आंकड़ा रविवार की रात 12 बजे तक का है।
सोमवार की रात 12 बजे के बाद मंगलवार को इसका मिलान किया जाएगा। इसके बाद संपत्तियों का ब्योरा न देने वाले कर्मियों का सितंबर का वेतन रोका जाएगा।
राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए आईएएस व पीसीएस अफसरों की तरह सभी विभागों के कर्मियों को संपत्तियों का ब्यौरा देना अनिवार्य किया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के आदेश के मुताबिक संपत्तियों का ब्योरा देने की अंतिम तारीख 30 सितंबर की रात 12 बजे तक रखी गई। इस अवधि तक संपत्तियों की जानकारी ऑनलाइन न करने वाले कर्मियों का सितंबर माह का वेतन रोका जाएगा।
विभागवार मिले आंकड़े के मुताबिक 29 सितंबर की रात 12 बजे तक कुल 95 फीसदी कर्मियों ने संपत्तियों का ब्यौरा दिया है।
सबसे खराब स्थिति नगर विकास विभाग की बताई जा रही है। आंकड़े के मुताबिक तय अवधि से एक दिन पहले तक नगर विकास विभाग यानी निकायों में कार्यरत 45 फीसदी कर्मियों ने ही अपनी संपत्तियों का ब्यौरा दिया है। अंतिम दिन कितने कर्मी ब्यौरा देते हैं, इसकी स्थिति मंगलवार को स्पष्ट हो पाएगी।