यूपी: 28903 राज्यकर्मियों ने नहीं दिया अपनी संपत्ति का ब्योरा, शेष रह गए कर्मियों के बारे में कोई नए निर्देश nahin
04 नवंबर 2024
लखनऊ। प्रदेश में 28903 राज्य कर्मियों ने अभी तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। ब्योरा देने की अंतिम तिथि 30 सितंबर के बाद मानव संपदा पोर्टल पर जानकारी देने के लिए विकल्प भी उपलब्ध नहीं है। शासन के सूत्रों का कहना है कि अब जो कर्मचारी संपत्ति का ब्योरा देना भी चाहेंगे तो नहीं दे सकेंगे।
प्रदेश सरकार ने राज्यकर्मियों को वेतन देने के लिए 30 सितंबर तक की मोहलत दी थी, उसके बाद उनका वेतन जारी न करने के आदेश भी दे दिए। मानव संपदा पोर्टल पर उपलब्ध डाटा के अनुसार, प्रदेश में राज्य कर्मचारियों की कुल संख्या 826683 है। इनमें से 797780 कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। जो कर्मी ब्योरा देने से शेष रह गए हैं, उनके मामले में क्या करना है, इस बारे में फिलहाल कोई निर्देश जारी नहीं हुए हैं।
यूपी : संपत्ति न बताने से दीपावली पर लगभग 35 हजार कर्मियों का रुका वेतन, संपत्ति न बताने वालों में जहां सर्वाधिक 14% प्रथम व 10% द्वितीय श्रेणी के अफसर
प्रथम श्रेणी के 1,817 और द्वितीय श्रेणी के 4,143 अधिकारियों का रोका गया है वेतन
संपत्ति न बताने वाले तृतीय श्रेणी के 22,188 और चतुर्थ के 6,311 को भी नहीं मिला वेतन
14 प्रतिशत 'बड़े साहबों ने भी छिपाई दौलत, संपत्ति की जानकारी न देने में हैं सबसे आगे
31 अक्टूबर 2024
लखनऊ: राज्य सरकार ने अपने सभी कार्मिकों को अक्टूबर का वेतन दीपावली से पहले ही देने का आदेश तो कर रखा है, लेकिन 34,459 राज्य कर्मचारियों को फिलहाल वेतन नहीं मिल सकेगा। वेतन न मिलने के लिए कोई और नहीं बल्कि संबंधित राज्य कर्मचारी ही जिम्मेदार हैं। मुख्य सचिव के स्तर से आदेश पर आदेश होने के बावजूद इन राज्यकर्मियों ने अब तक अपनी अच-अचल संपत्ति का वार्षिक ब्योरा मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से नहीं दिया है।
संपत्ति न बताने वालों में जहां सर्वाधिक 14 प्रतिशत प्रथम व 10 प्रतिशत द्वितीय श्रेणी के अफसर हैं, वहीं तृतीय श्रेणी के लिपिक आदि 3.86 प्रतिशत, जबकि सबसे कम 3.13 प्रतिशत चतुर्थ श्रेणी के राज्य कर्मचारी हैं।
उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत प्रदेश के सभी श्रेणियों के 8,30,613 राज्य कर्मचारियों को पिछले वर्ष 2023 तक की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा इस वर्ष 31 जनवरी तक स्वतः ही मानव संपदा पोर्टल पर दे देना चाहिए था।
गौर करने की बात यह है कि इस संबंध में कार्मिक विभाग के बार- बार आदेश करने के बावजूद अगस्त तक सिर्फ 16 प्रतिशत कार्मिकों ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी राज्य कर्मचारियों की संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने संपत्ति का ब्योरा न देने वाले राज्य कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश दिए।
सरकार के कड़े रुख को देखते हुए पहली बार रिकार्ड 7,96,154 (लगभग 96 प्रतिशत) राज्य कर्मचारियों ने तो अपनी संपत्ति का ब्योरा दे दिया है, लेकिन अब भी 34,459 कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति नहीं बताई है। संपत्ति न बताने पर इन सभी राज्य कर्मचारियों को दीपावली पर भी वेतन नहीं दिया गया है।
कार्मिक विभाग के अधिकारियों का कहना है कि संपत्ति का ब्योरा न देने से संबंधित कार्मिकों का वेतन रोका गया है। अब संपत्ति बताने पर ही इन्हें वेतन मिलेगा। जिनका वेतन रोका गया है उनमें प्रथम श्रेणी के 1,817 और द्वितीय श्रेणी के 4,143 अधिकारी हैं। इनके अलावा तृतीय श्रेणी में आने वाले 22,188 तथा चतुर्थ श्रेणी के 6,311 कर्मचारी हैं।