RTI पोर्टल स्थापित न करने पर 11 राज्यों से सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश और झारखंड समेत 11 राज्यों को नोटिस जारी कर उनसे सूचना के अधिकार (आरटीआई) पोर्टल की स्थापना न करने पर 21 अक्तूबर तक जवाब मांगा है।
यह मांग 20 मार्च, 2023 के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद की गई है, जिसमें कोर्ट ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और हाईकोर्ट को सूचना के अधिकार अधिनियम (2005) के तहत पारदर्शिता बढ़ाने के लिए तीन महीने के भीतर ऑनलाइन आरटीआई सुविधाएं बनाने का निर्देश दिया था।
सोमवार को सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने उन प्रस्तुतियों की समीक्षा की, जिनमें आंध्र प्रदेश, झारखंड, मणिपुर, नगालैंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, जम्मू और कश्मीर, लक्षद्वीप और अरुणाचल प्रदेश जैसे केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से गैर-अनुपालन का संकेत दिया गया था।
पीठ ने इस चिंता को उजागर किया कि जिन क्षेत्रों में आरटीआई पोर्टल लागू किए गए हैं, वे भी भारत सरकार की वेबसाइटों और एप्स के लिए दिशा-निर्देशों के तहत निर्धारित आवश्यक पहुंच और उपयोगिता मानकों को पूरा करने में विफल रहे हैं।
पीठ ने कहा कि पोर्टल की स्थापना सार्वजनिक पहुंच को सुविधाजनक बनाने के लिए की गई थी। यह पिछली प्रणाली से बिल्कुल अलग है, जहां आवेदन केवल डाक के जरिये दिए जाते थे।