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Monday, September 16, 2024

PPF खातों के नियमों में होने जा रहे ये अहम बदलाव, 01 अक्टूबर से होंगे लागू, जानिए पीपीएफ एकाउंट से जुड़ी जरूरी जानकारी

PPF खातों के नियमों में होने जा रहे ये अहम बदलाव, 01 अक्टूबर से होंगे लागू, जानिए पीपीएफ एकाउंट से जुड़ी जरूरी जानकारी 
 

छोटी बचत योजनाओं में सबसे लोकप्रिय सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) योजना के नियमों में सरकार ने बड़े बदलाव किए हैं, जो 1 अक्तूबर से लागू होने जा रहे हैं। इनका सीधा असर एक से अधिक पीपीएफ खाता खुलवाने वालों, नाबालिग और एनआरआई के खातों पर पड़ेगा। यदि कोई खाताधारक अपने अनियमित खाते को नियमित नहीं करता है तो उसे मिलने वाले ब्याज में कटौती हो सकती है।


एक से अधिक खाता होने पर

सरकार ने स्पष्ट किया है कि नए नियम ऐसे अनियमित खातों पर नियंत्रण के लिए ही लाए गए हैं, जो योजना की गाइडलाइन और नियमों को अनदेखा करके खोले गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, कुछ लोगों ने नाबालिगों के नाम पर कई खाते खोल रखे हैं। यही नहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपना नाम दिए बिना अपने बच्चों के नाम से खाते खोले हैं, जबकि नाम देना अनिवार्य है। 

वहीं, कुछ निवेशकों ने एक से अधिक खाते खुलवा रखे हैं। सरकार ऐसे खातों पर लगाम लगा रही है। नए नियमों के जरिए ऐसे खातों का नियमन किया जाएगा। इस कदम से छोटे खाताधारकों के हितों की भी सुरक्षा होगी। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जो भी खाताधारक नियमों का पालन नहीं करेगा उनपर कार्रवाई की जाएगी।


डाकघरों के लिए निर्देश : सभी डाकघरों को खाताधारकों से उनकी पैन कार्ड और आधार कार्ड की जानकारी लेनी होगी। नियमितीकरण आवेदन जमा करने से पहले सिस्टम को अपडेट करना होगा। खाताधारकों को इन बदलावों के बारे में जानकारी देनी होगी।


नाबालिग के मामले में

1. नाबालिग के नाम पर खोले गए पीपीएफ खाते में अभिभावक का नाम होना अनिवार्य कर दिया गया है। यदि किसी खाते में अभिभावक का नाम नहीं जोड़ा गया है तो उसे अनियमित माना जाएगा। खाता जारी रखने के लिए उसे नियमित कराना होगा।

2. नाबालिगों के पीपीएफ खाते पर डाकघर बचत योजना की ब्याज दर लागू होगी। उसके 18 वर्ष पूरे होने पर पीपीएफ योजना का ब्याज मिलेगा।

3. ऐसे खातों के अंतर्गत के 18 वर्ष के होने के बाद ही परिपक्वता की तिथि गिनी जाती है। यानी जिस दिन नाबालिक वयस्क हो जाता है, उसी दिन नाबालिग खाता खोलने के लिए योग्य पात्र हो जाता है।

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1. ऐसे खाताधारक, जिनके एक से अधिक पीपीएफ खाते हैं, उन्हें नियमों का पालन करना होगा और खाते की नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

2. ऐसे निवेशकों को डाकघर या बैंकों में खोले गए एक से अधिक खातों में से प्राथमिक खाते का चयन करना होगा। प्राथमिक खाता उसे माना जाएगा, जहां निवेशक अतिरिक्त खातों को बंद करने के बाद किसी एक को जारी रखना चाहता है।

3. इस प्राथमिक खाते पर ही पीपीएफ योजना की ब्याज दर लागू होगी। यदि निवेशक के दो खाते हैं तो दूसरे को प्राथमिक खाते से जोड़ दिया जाएगा। विलय के बाद प्राथमिक खाते पर लागू ब्याज दर मिलती रहेगी।

4. यदि दोनों खातों को मिलाने के बावजूद निवेश सीमा डेढ़ लाख से अधिक पाई जाती है तो अतिरिक्त राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। दूसरे खाते में अतिरिक्त शेष राशि शून्य प्रतिशत ब्याज दर के साथ वापस कर दी जाएगी।

5. यदि किसी व्यक्ति ने तीसरा खाता भी खोला हुआ है इस पर किसी प्रकार का कोई ब्याज नहीं मिलेगा। उलटे खाता खोलने की तिथि से ब्याज शून्य हो जाएगा। इसकी पूरी राशि बिना ब्याज के वापस कर दी जाएगी।


खाता अनियमित कब होता है

1. एक से अधिक खाते : अगर आपके नाम पर एक से अधिक पीपीएफ खाते हैं तो सभी अतिरिक्त खाते अनियमित माने जाएंगे।

2. अधिक जमा राशि: यदि व्यक्ति अपने या नाबालिग के पीपीएफ खाते में सालाना 1.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा करता है तो खाता अनियमित माना जाता है।

3. सालाना योगदान की कमी : अगर आप हर साल न्यूनतम योगदान नहीं करते हैं, तो खाता अनियमित हो जाएगा।

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PPF ACCOUNT से जुडी अहम बातें 

1. बालिग व्यक्ति या नाबालिग के नाम से एक ही पीपीएफ खाता खुलवाया जा सकता है।

2. नाबालिग का खाता उसके माता-पिता या कानूनी अभिभावक ही संचालित कर सकते हैं। खाते में उनका नाम होना अनिवार्य है।

3. खाते में हर साल न्यूनतम 500 रुपये जमा कराना अनिवार्य है। इससे चूकने पर खाता बंद हो सकता है या 50 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

4. खाते की निवेश अवधि 15 साल निर्धारित है। इस अवधि के बाद पांच-पांच वर्ष के लिए खाते को कितनी भी बार आगे बढ़वाया जा सकता है। ।

5. खाते को आगे बढ़वाने के लिए दो विकल्प मिलते हैं। पहला विकल्प है - बिना किसी योगदान के खाते को जारी रखना। इसका मतलब है कि 15 साल की अवधि पूरी होने के बाद निवेशक खाते में नई रकम नहीं जमा कर पाएगा। वह खाते में जमा राशि पर अगले पांच साल तक ब्याज ले सकता है।

6. दूसरा विकल्प है -15 साल के बाद भी खाते में रकम जमा करना। इसके लिए निवेशक को 15 साल की अवधि पूरी होने से एक साल पहले बैंक या डाकघर जाकर आवेदन करना होगा।

7. आवेदक इस विकल्प को अपनाता है और 15 साल के बाद सालाना न्यूनतम राशि जमा नहीं करता है तो खाता निष्क्रिय हो जाएगा। इसे फिर से शुरू करवाने के लिए केवाईसी होगी।


एनआईआर के मामलों में यह होगा बदलाव

● वे सभी नागरिक, जो अप्रवासी भारतीय हैं और विदेशों में बस चुके हैं यदि उन सभी का भी पीपीएफ खाता है तो उनके लिए भी नए नियम जारी किए गए हैं।

● अभी एनआरआई के ऐसे पीपीएफ खाते, जिनमें निवास स्थिति के ब्योरे की जरूरत नहीं होती है, उनमें डाकघर बचत योजना का ब्याज मिलता है। अब यह ब्याज 30 सितंबर 2024 तक ही मिलेगा।

● ये नियम पीपीएफ 1968 के तहत खोले गए सक्रिय एनआरआई पीपीएफ खातों पर लागू होगा।

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