दो से ज्यादा बच्चों वाले सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक, राजस्थान हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
राजस्थान सरकार ने दो से ज्यादा बच्चों वाले सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन पर लगी रोक हटाते हुए, उन्हें प्रमोशन देने का फैसला किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है.
राजस्थान हाईकोर्ट ने दो से ज्यादा बच्चों वाले सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक लगाने का आदेश दिया है. दरअसल, 2023 में तत्कालीन सरकार ने दो से ज्यादा बच्चों वाले सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन से लगी रोक हटाने का फैसला किया था. यह रोक सरकार ने पहले लगाई थी, जिसके तहत जिन भी सकारी कर्मचारियों के 2 से ज्यादा बच्चे हैं, उन्हें प्रमोशन नहीं दिया जाएगा. हालांकि, जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.
राजस्थान हाईकोर्ट ने क्यों सुना दिया सख्त आदेश?
राजस्थान हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिस सरकारी कर्मचारी के दो से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें प्रमोशन नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ ये आदेश जारी किया है।
राजस्थान में जिन सरकारी कर्मचारियों को दो से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें प्रमोशन नहीं मिलेगा।हाईकोर्ट ने इसे लेकर आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट का यह आदेश राज्य सरकार के उस फैसले के खिलाफ आया है जिसमें सरकार राज्य के कर्मचारियों को बैक डेट से प्रमोशन दे रही थी। हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। मामले में कार्मिक विभाग, गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव और पुलिस महा निदेशक से सहित अन्य से जवाब भी मांगा है। कोर्ट ने सरकार से ये जानकारी भी मांगी है कि किसी कर्मचारी की पिछले वर्षों की सेवा की योग्यता का आंकलन कैसे कर सकते है कौर्ट के इस आदेश से लगभग 125 विभागों के कर्मचारी प्रभावित होंगे।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश पंकज भंडारी और न्यायाधीश विनोद कुमार परवानी की खंडपीठ ने पुलिसकर्मी संतोष कुमार और जयदीप की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया है। याचिकाकर्ता के वकील शोभित तिवारी ने कौर्ट में पैरवी करते हुए कहा कि, 1 जून 2002 या उसके बाद दो या दो से ज्यादा बच्चों वाले सरकारी कर्मियों को राज्य सरकार ने 3 और 5 अवसरों पर प्रमोशन नहीं दिया।
कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
इसके बाद 16 मार्च 2023 को कार्मिक विभाग ने एकअधिसूचना जारी कर राहत देने मंशा से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कहा कि किसी कर्मचारी को केवल ज्यादा संतान होने के आधार पर पदोन्नति से वंचित नहीं किया जा सकता है।इस पर कोर्ट ने कहा नियमो में संशोधन करना सरकार का हक है लेकिन जिस प्रक्रिया को अपनाया गया है वो सही नहीं है लिहाजा मामले को अगली सुनवाई तक सरकार के उस आदेश पर रोक होगी। कोर्ट में दायर याचिका में यह मांग की गई थी कि बैक डेट से प्रमोशन देना कानून सम्मत नहीं है। कोर्ट ने आदेश पारित कर सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाई है। इसके साथ ही सरकार से जवाब भी मांगा है।