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Monday, August 26, 2024

UPS : केंद्र के ऐलान के बाद प्रदेश सरकारों पर नया पेंशन ढांचा लागू करने का दबाव बढ़ा, कई राज्य यूपीएस को अपनाने की तैयारी में

उत्तर प्रदेश में भी जल्द लागू हो सकती है यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS),  करीब 17 लाख कार्मिक होंगे लाभान्वित


लखनऊ। केंद्र की तर्ज पर शीघ्र ही यूपी में भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू हो सकती है। इसके लिए वित्त विभाग ने मंथन शुरू कर दिया है। इस पर आने वाले व्यय भार का आकलन किया जा रहा है। केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को केंद्रीय कर्मियों के लिए नई पेंशन स्कीम यूपीएस लागू करने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस स्कीम का स्वागत करते हुए इसे केंद्र का कर्मचारियों के लिए बड़ा तोहफा करार दिया था। इससे माना जा रहा है कि शीघ्र ही यूपी में भी यह स्कीम लागू होगी। यहां राज्य सरकार के करीब 17 लाख कार्मिक हैं जिन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। 

केंद्र सरकार से शासनादेश जारी होने के बाद यूपी का वित्त विभाग भी इस योजना के प्रावधानों को लेकर एक नोट तैयार करेगा। इसे कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा, ताकि लागू करने की दिशा में आगे बढ़ा जा सके। उधर, सुभासपा के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भी कहा है कि यूपी में शीघ्र ही यूपीएस लागू होगी। 



महाराष्ट्र यूपीएस लागू करने वाला पहला राज्य बना

मुंबई । महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को केंद्र सरकार की एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दे दी। इसी के साथ महाराष्ट्र यूपीएस को मंजूरी देने वाला पहला राज्य बन गया है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार सहित मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य शामिल हुए। यूपीएस को केंद्र सरकार ने बीते शनिवार को मंजूरी दी थी और यह एक अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी।



UPS : केंद्र के ऐलान के बाद प्रदेश सरकारों पर नया पेंशन ढांचा लागू करने का दबाव बढ़ा, कई राज्य यूपीएस को अपनाने की तैयारी में

नई दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा लाई गए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को महाराष्ट्र द्वारा मंजूरी देने के बाद जल्द ही अन्य राज्यों द्वारा भी इसे अपनाया जा सकता है। खासकर भाजपा शासित राज्य स्कीम को लागू करने का फैसला ले सकते हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राज्यों की तरफ से भी इस संबंध में ऐलान किया जाएगा।


लंबे समय से राज्यों में कर्मचारियों की तरफ से पुरानी पेंशन बहाली की मांग हो रही है। अब केंद्र द्वारा यूपीएस का ऐलान किए जाने के बाद राज्यों सरकारों पर कर्मचारी यूनियनों का भी दबाव आएगा। स्थानीय स्तर पर राज्य कर्मचारी यूनियन अपने-अपने राज्यों में मांग करती आ रही हैं कि उनके राज्य में भी पेंशन सुधार को लागू किया जाए। खासकर उन राज्यों के लिए स्थिति ज्यादा दबाव वाली होगी, जिनमें अगले छह महीने से लेकर से दो वर्ष में चुनाव होने हैं, क्योंकि चुनावों के बीच राजनीतिक दलों को वोट बैंक प्रभावित होने का भी खतरा रहेगा।


भाजपा शासित राज्यों में जल्द ऐलान संभव

जानकार बताते हैं कि भाजपा शासित राज्य अब इस दिशा में सबसे पहले ऐलान कर सकते हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्य पेंशन सुधार के लिए कमेटी गठित करने का ऐलान कर सकते है। पूरी संभावना है कि यह सभी राज्य केंद्र द्वारा लाई गए यूपीएस को ही प्रदेश स्तर पर लागू करने की संभावना तलाशने के लिए अपने यहां पर कमेटी का गठन कमेटी का गठन करें इसलिए करना जरूरी होगा। क्योंकि राज्य अपने यहां कर्मचारी यूनियनों के सुझावों को लेकर पेंशन संबंधी सुधार को लागू करना चाहेंगे।


अभी केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा इसका लाभ

यूपीएस को अगले वर्ष एक अप्रैल से लागू किया जाना है। इस फैसले से करीब 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी लाभ होंगे, लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों को अभी इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा। केंद्र ने गेंद राज्य सरकारों के पाले में छोड़ दी है। केंद्र का स्पष्ट कहना है कि अगर राज्य चाहे तो हमारे ही मॉडल को अपना सकते हैं। इसलिए अब राज्यों के ऊपर भारी दबाव रहेगा। 


मांग हो सकती है तेजः एनपीएस को वर्ष 2004 में लगाया गया था। इससे जुड़ने वाले कर्मियों की संख्या बढ़ी तो लेकिन पुरानी पेंशन बहाली की मांग ने जोर पकड़ लिया। बीते लोकसभा और विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों ने पुरानी पेंशन को बहाल करने का आश्वासन भी दिया।

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