नई दिल्ली। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन देने वाली योजना का ऐलान कर दिया है। एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में कर्मचारी को कम से कम 10 साल की सेवा के बाद 10 हजार रुपये की न्यूनतम पेंशन मिलेगी। इसके साथ महंगाई राहत दर और अन्य भत्ते भी जुड़ेंगे, जिससे न्यूनतम 15 हजार रुपये तक पेंशन मिलनी संभव होगी। कम वेतन वालों को लाभ नई पेंशन योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
सरकार ने इस योजना में न्यूनतम पेंशन राशि का स्पष्ट प्रावधान किया है। इससे सातवें वेतन आयोग के पे बैंड 5200 से 20,200 रुपये में न्यूनतम मूल वेतन वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर बड़ी राहत मिलेगी। इस पे-बैंड में न्यूनतम मूल वेतन 18,000 और 19,900 रुपये है। कर्मचारी का कार्य वर्ष चाहे जितना भी हो उसकी पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये से कम नहीं होगी।
वर्तमान में ओपीएस के तहत यह रकम 9 हजार रुपये है। नई योजना में भी पेंशन राशि को महंगाई के सूचकांक से जोड़ा गया है। महंगाई राहत (डीआर) के आधार पर पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन तीनों का निर्धारण होगा।
योगदान जारी रहेगा
नई योजना में भी एनपीएस की तरह कर्मचारी को मूल वेतन से 10 प्रतिशत का अंशदान करना होगा। वहीं, सरकार एनपीएस में 14% योगदान करती है, जिसे यूपीएस में बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
एक योजना चुन पाएंगे
कर्मचारी के पास एनपीएस और यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा। कर्मचारी अपने फायदे की गणना करके 31 मार्च 2025 तक चुनना होगा।
कर छूट के नियम जल्द
एनपीएस में योगदान पर कर्मचारी को कर छूट मिलती है। यूपीएस में कर छूट के नियम अभी अधिसूचित नहीं किए गए हैं। ये जल्द आ सकते हैं।
इस तरह होगी पेंशन की गणना
अगर कर्मचारी ने 25 वर्षों की सेवा दी है तो उसके अंतिम कार्य वर्ष के 12 महीनों के औसत मूल वेतन. की 50 प्रतिशत राशि बतौर पेंशन दी जाएगी। अगर सेवा काल 10 से 25 वर्ष के बीच है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी। साथ ही इसमें महंगाई राहत दर (डीआर) को भी जोड़ा जाएगा। वर्तमान में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए डीआर 50 फीसदी है।
जानिए! NPS से UPS में आने पर क्या बदलेगा?
■ कर्मचारी को सेवानिवृत्ति पर ग्रेच्युटी मिलेगी। एनपीएस में विकल्प नहीं है।
■ यूपीएस में एकमुश्त भुगतान के तौर पर 30 वर्ष की सेवा के लिए कर्मचारी को छह माह का वेतन अलग से मिलेगा।
■ एनपीएस में कुल पेंशन फंड में से 60 फीसदी एकमुश्त राशि कर्मचारी को मिलती है। बाकी बची रकम से पेंशन प्लान खरीदना पड़ता है।
■ एनपीएस में पेंशन राशि शेयर बाजार से मिलने वाले मुनाफे पर निर्भर रहती है। यूपीएस में सरकार ने इस जोखिम को कम किया है।
■ यूपीएस में 25 साल का सेवाकाल पूरा करने के लिए सरकारी नौकरी में 35 साल की उम्र तक शामिल होना ही होगा।