OPS vs UPS vs NPS : 10 बिंदुओं में समझें तीनों पेंशन योजनाओं में अंतर
Unified Pension Scheme सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल कैबिनेट की बैठक में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पर मुहर लग गई है। इसी के साथ अब नेशनल पेंशन स्कीम ग्राहकों के पास अब यूपीएस पर स्विच करने का ऑप्शन होगा। तो आइये जान लेते है पुरानी पेंशन नेशनल पेंशन और यूनिफाइड पेंशन में क्या अंतर है।
नई दिल्ली। Unified Pension Scheme: 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा लाभ देते हुए मोदी सरकार ने एक नई पेंशन योजना शुरू की है। यूनिफाइ़ड पेंशन स्कीम (UPS) 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। नेशनल पेंशन स्कीम ग्राहकों के पास अब यूपीएस पर स्विच करने का ऑप्शन होगा। इसमें सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी।
दरअसल, एनपीएस में बदलाव की सरकार की योजना कई गैर-बीजेपी राज्यों द्वारा डीए से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना (OPS) को वापस लागू करने के फैसले और कुछ अन्य राज्यों में कर्मचारी संगठनों द्वारा इसकी मांग उठाए जाने के बाद आई है।
तो आइये जान लेते हैं यूपीएस, एनपीएस और ओपीएस एक-दूसरे से कितनी अलग है...
🔴 UPS: एकीकृत पेंशन योजना//यूनिफाइड पेंशन स्कीम
फिक्स्ड पेंशन
रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीनों में एवरेज बेसिक पेय का 50%।
कम से कम 25 साल तक नौकरी करने वाले कर्मचारियों को ही इसका फायदा मिलेगा।
सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन
कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले की पेंशन का 60% हिस्सा परिवार को मिलेगा।
सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन
न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद रिटायरमेंट पर 10,000 रुपये प्रति माह का पेंशन मिलेगा।
इंफ्लेशन इंडेक्सेशन बेनिफिट
महंगाई के हिसाब से इन तीनों पेंशन पर डीआर का पैसा दिया जाएगा। यह ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स पर आधारित होगा।
ग्रेच्युटी
कर्मचारी को उसकी नौकरी के आखिरी 6 महीने का वेतन और भत्ता एक लमसम अमाउंट के तौर पर मिलेगा। यह कर्मचारी के आखिरी बेसिक सैलरी का 1/10वां हिस्सा होगा।
🔵 NPS : नेशनल पेंशन स्कीम/ राष्ट्रीय पेंशन योजना
सरकार का कंट्रीब्यूशन
एनपीएस ने कर्मचारियों और सरकार द्वारा किए गए कंट्रीब्यूशन के आधार पर पेंशन का वादा किया था।
इसके लिए केंद्र सरकार के कर्मचारी के मूल वेतन से 10 प्रतिशत और सरकार से 14 प्रतिशत कंट्रीब्यूशन की आवश्यकता थी।
यूपीएस में कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन 10 प्रतिशत ही रहेगा, जबकि सरकार का कंट्रीब्यूशन बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो जाएगा।
पेंशन राशि
एनपीएस में पेंशन राशि तय नहीं है क्योंकि यह एक बाजार से जुड़ी योजना है। वहीं, यूपीएस एक सुनिश्चित पेंशन प्रदान करता है, जो 1 जनवरी, 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वालों के लिए वेतन का 50% है।
पारिवारिक पेंशन
एनपीएस के तहत पारिवारिक पेंशन पेंशन फंड में संचित राशि और रिटायरमेंट के समय चुनी गई वार्षिकी योजना पर निर्भर करती है।
सरकारी और निजी कर्मचारियों के लिए
एनपीएस को 1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद केंद्र सरकार में शामिल होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मचारियों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है। यह निजी क्षेत्र के कर्मचारियों पर भी लागू होता है।
🟣 OPS : पुरानी पेंशन योजना/ओल्ड पेंशन योजना
ओपीएस में रिटायरमेंट सरकारी कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत मासिक पेंशन के रूप में मिलता था। डीए दरों में वृद्धि के साथ राशि बढ़ती रहती है। कर्मचारी रिटायरमेंट पर अधिकतम 20 लाख रुपये के ग्रेच्युटी भुगतान के हकदार थे। यदि किसी रिटायर्रड कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को निरंतर पेंशन लाभ मिलता है। इसके अलावा, एनपीएस के विपरीत ओपीएस के तहत पेंशन योगदान के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती है। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब जैसे राज्य पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पर वापस आ गए हैं।