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Friday, August 23, 2024

ज्यादा रिटर्न दाखिल होने से रिफंड में हो रही देरी, धैर्य बनाए रखने की आयकर विभाग की सलाह

ज्यादा रिटर्न दाखिल होने से रिफंड में हो रही देरी, धैर्य बनाए रखने की आयकर विभाग की सलाह

पिछले साल 7-10 दिनों में मिल जाता था रिफंड, इस बार हो रही देरी

आखिर के तीन-चार दिनों में दो करोड़ से अधिक लोगों ने आयकर रिटर्न भरा

7.28 करोड़ लोगों ने रिटर्न दाखिल किया 31 जुलाई 2024 तक

6.77 करोड़ आइटीआर दाखिल हुए पिछले साल 31 जुलाई तक


नई दिल्ली: आयकर रिफंड मिलने में इस साल देर हो रही है। पिछले साल 7-10 दिनों में लोगों को रिफंड मिल जा रहा था जबकि इस बार एक माह बीत जाने के बाद भी लोगों को रिफंड नहीं मिले है। इस मामले में विभाग का कहना है कि पहला कारण यह है कि पिछले साल की तुलना में इस साल काफी अधिक आइटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) भरे गए। दूसरी वजह यह है कि 31 जुलाई आइटीआर भरने का अंतिम समय आ और आखिर के तीन-चार दिनों में दो करोड़ से अधिक लोगों ने रिटर्न भरने का काम किया। इनके सत्यापन (वेरिफिकेशन) में वक्त लगेगा।

आयकर विभाग के मुताबिक आकलन वर्ष 2024-25 के लिए गत 31 जुलाई तक 7.28 करोड़ आइटीआर दाखिल किए गए जबकि पिछले साल 31 जुलाई तक 6.77 करोड़ आइटीआर दाखिल हुए थे। गत 31 जुलाई तक 51 लाख अधिक आइटीआर भरे जा चुके थे। आईटीआर की संख्या अधिक होने से उनके वेरिफिकेशन में भी समय लगता है और इस वजह से भी रिफंड में कुछ देर हो सकती है। 

विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अब जिन लोगों ने जुलाई के आखिरी सप्ताह में रिटर्न भरा है, उनके रिफंड में अभी समय लग सकता है क्योंकि टीडीएस के सत्यापन में एक माह का समय लग जाता है। इस साल 27 जुलाई से 31 जुलाई के बीच 2.28 करोड़ लोगों ने आइटीआर दाखिल किया। इन रिटर्न का वेरिफिकेशन 26-30 अगस्त के बीच होने की उम्मीद है। अधिकारी के मुताबिक वैसे भी नियम के मुताबिक, रिटर्न भरने से लेकर 90 दिनों के भीतर रिफंड जारी किया जा सकता है। बता दें कि रिफंड में लगने वाले समय की अवधि के लिए साधारण दर से ब्याज मिलता है।


अगर पांच सप्ताह बाद भी रिफंड नहीं मिले तो आनलाइन चेक करें

इनकम टैक्स विभाग पहले टीडीएस की जांच करता है और सही दावा होने पर ही रिफंड जारी किया जाता है। इनकम टैक्स के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिका जैसे देश में टीडीएस रिफंड तुरंत हो जाता है और वहां इस मामले में धोखाधड़ी भी खूब होती है। लेकिन भारत में जब विभाग आश्वस्त हो जाता है कि टीडीएस की रकम मिली है तभी रिफंड की प्रक्रिया शुरू की जाती है। विभाग के अधिकारी के मुताबिक अमूमन रिफंड के खाते में आने तक चार-पांच सप्ताह का समय लग जाता है। अगर पांच सप्ताह के बाद भी रिफंड नहीं मिला है तो एक बार टैक्सपेयर को आनलाइन यह चेक कर लेना चाहिए कि आइटी आर में कहीं कोई कमी तो नहीं रह गई है। कमी होने पर विभाग आयकरदाता को आनलाइन इसकी सूचना भेज रहा है।



आयकर रिफंड के इंतजार में लाखों करदाता, आयकर विभाग ने कहा, रिफंड की प्रक्रिया जारी, कुछ मामलों में जांच या कर गणना में गड़बड़ी होने से देरी संभव


नई दिल्लीः इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के बाद बड़ी संख्या में लोगों को रिफंड नहीं मिल सका है। करदाता असमंजस की स्थिति में हैं कि उन्हें रिफंड कब मिलेगा। आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी तरफ से कोई प्रक्रियागत बाधा नहीं है। कुछ मामलों में जांच या कर गणना में गड़बड़ी होने से देरी संभव है। बैंक खाते का गलत विवरण होने पर या अकाउंट वेरिफिकेशन में गड़बड़ी पर भी रिफंड में दिक्कत हो सकती है।

सामान्य तौर पर रिफंड में एक से डेढ़ महीने का समय लगता है। अगर किसी के आइटीआर में गलतियां है तो विभाग उसे ईमेल या मैसेज से सूचित करता है। आयकर अधिकारियों का कहना है कि रिफंड की कोई निश्चित समय सीमा नहीं है, क्योंकि गलतियों के साथ कई आयकरदाता ज्यादा रिफंड की मांग कर देते हैं तो उसकी जांच की प्रक्रिया लंबी हो जाती है। 

आयकर अधिकारी ने बताया कि अगर किसी रिटर्न भरने वाले को लगता है कि उसने सभी जानकारी ठीक से भरी है, लेकिन इसके बावजूद उसका रिफंड नहीं आया तो आइटीआर के स्टेटस में जाकर ग्रीवांस के विकल्प पर इससे जुड़े सवाल पूछ सकता है। यहां पर आयकरदाता को संतोषजनक उत्तर मिल जाएगा। कई बार आयकरदाता आइटीआर दाखिल करने के बाद ई वेरिफिकेशन नहीं करते हैं तो भी रिफंड अटक जाता है। 

बता दें कि 31 जुलाई तक दाखिल किए गए आइटीआर की कुल संख्या 7.28 करोड़ से अधिक दर्ज की गई, जो 31 जुलाई, 2023 तक दाखिल किए गए 6.77 करोड़ आइटीआर से 7.5% अधिक है। इस वर्ष बड़ी संख्या में करदाताओं ने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना है।



आयकर पोर्टल रिफंड में देरी का कारण बताएगा, ऐसे देखें रिफंड की स्थिति

अभी भी नहीं आया इनकम टैक्स रिफंड? आखिर क्या हो सकती है देरी की वजह, जानें


नई दिल्ली । आयकर रिटर्न दाखिल किए जाने के बाद भी लोगों को समय पर रिफंड नहीं मिल पा रहा है। इसको लेकर वो सभी लोग शिकायतें कर रहे हैं, जिनके रिटर्न के हिसाब से रिफंड बनता था। इसको लेकर लोग सोशल मीडिया और आयकर विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर भी शिकायतें कर रहे हैं। वहीं, विभाग का कहना है कि लोगों को समय पर रिफंड दिया जा रहा है लेकिन किन्हीं वजहों से समय पर नहीं मिल पा रहा है तो वो उसके लिए विभाग के पोर्टल पर जाकर स्टेट्स देख सकते हैं या फिर मेल भी कर सकते हैं।


सूत्रों का कहना है कि आयकर विभाग भरे गए आयकर रिटर्न का बड़ी संख्या में सत्यापन कर रहा है। इसमें देखा जा रहा है कि रिटर्न भरते वक्त लोगों ने आय और संपत्तियों का ब्यौरा ठीक से दिया है या नहीं, जिसकी वजह से कुछ आयकर रिटर्न जारी करने में देरी हुई है लेकिन इनकी संख्या बहुत सीमित है। काफी संख्या में रिफंड मिलने में देरी के पीछे कई कारण हैं। रिटर्न भरते वक्त लोगों द्वारा दिए गए बैंक खाते की जानकारी में त्रुटि है। अगर रिफंड मिलने में देरी हो रही है तो उसके लिए आप अपना पैन कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर पर लिखकर अपनी शिकायत विभाग की मेल आई orm@cpc.incometax.gov.in पर भेज सकते हैं।



ऐसे देखें रिफंड की स्थिति

आपको आयकर विभाग के https://eportal.incometax.gov.in पर जाकर अपना यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर लॉगिन करना है। उसके बाद सर्विस सेक्शन में जाना है। जहां पर नो योर रिफंड स्टेट्स ऑप्शन पर क्लिक करना है। यहां आप अपने रिफंड की स्थिति देख पाएंगे और पोर्टल पर ही रिफंड पाने के लिए आवेदन कर पाएंगे।


सही स्थिति का लगेगा पता

अगर रिफंड नहीं गया है तो रिफंड फेल लिखा होगा। या तो रिटर्न सही प्रक्रिया से नहीं भरा गया है या फिर जिस खाते में रिफंड जाना है, उसके नाम, एकाउंट नंबर, आईएफएससी कोड में कोई गड़बड़ी है। रिफंड में देरी के पीछे एक कारण यह भी है कि बहुत से लोगों के आधार कार्ड से पैन कार्ड लिंक नहीं हैं। वहीं, कुछ लोगों ने ई-सत्यापन नहीं किया है। इसकी वजह से भी समय पर भुगतान नहीं हो रहा है।



● हेल्पलाइन नंबर पर भी करें संपर्क 18001030025, 18004190025, 8046122000, 8061464700

● इन नंबरों पर सोमवार से शुक्रवार के बीच सुबह आठ से रात के आठ बजे तक कॉल कर सकते हैं।

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