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Monday, August 5, 2024

Income Tax Refund 2024: इनकम टैक्स रिफंड का कर रहे हैं इंतजार! तो इन नियमों को जानना आपके लिए जरूरी

Income Tax Refund 2024: इनकम टैक्स रिफंड का कर रहे हैं इंतजार! तो इन नियमों को जानना आपके लिए जरूरी


31 जुलाई 2024 तक AY 2024-25 के लिए 7.28 करोड़ से अधिक आईटीआर (ITR) दाखिल किए गए जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दाखिल किए गए AY 2023-24 के 6.77 करोड़ ITR से 7.5% अधिक है। टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि वे फाइल किए जाने के 30 दिनों के भीतर असत्यापित आयकर रिटर्न को सत्यापित कर लें।


AY 2024-25 में 7.28 करोड़ से अधिक ITR दाखिल किए गए।
रिटर्न ई-सत्यापित करने के बाद ही रिफंड की प्रक्रिया आगे बढ़ती है।


नई दिल्ली। आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई रखी गई थी। इसी कड़ी में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से आईटीआर फाइलिंग को लेकर जानकारी दी गई है। डेटा के मुताबिक, 31 जुलाई, 2024 तक AY 2024-25 के लिए 7.28 करोड़ से अधिक ITR दाखिल किए गए, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दाखिल किए गए AY 2023-24 के 6.77 करोड़ ITR से 7.5% अधिक है। टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि वे फाइल किए जाने के 30 दिनों के भीतर असत्यापित आयकर रिटर्न को सत्यापित कर लें। वे टैक्सपेयर जो अपने आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा से चूक गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द अपना सबमिशन पूरा कर लेना चाहिए।


हालांकि, अगर आप आईटीआर फाइल कर चुके हैं तो अब रिफंड का इंतजार भी कर रहे होंगे। रिफंड का इंतजार करने से पहले आईटीआर से जुड़े नियमों को लेकर जानकारी होना भी जरूरी होगा। इस आर्टिकल में आपको आईटीआर से जुड़े चार नियमों के बारे में ही बता रहे हैं-


खाते में आएगा रिफंड
रिफंड की प्रक्रिया तभी आगे बढ़ती है जब टैक्सपेयर अपना रिटर्न ई-सत्यापित कर देता है। इसी के साथ अमूमन रिफंड टैक्सपेयर के खाते में आने में 1 महीने की अवधि लगती है। रिटर्न वेरिफाई करने के बाद से ही यह समय शुरू होता है।


बैंक डिटेल्स ठीक होना जरूरी
रिफंड के लिए टैक्सपेयर तब पात्र होता है जब चुकाया गया कर उसकी देनदारी से ज्यादा होता है। इसमें, टीडीएस, टीसीएस, एडवांस टैक्स और सेल्फ एसेसमेंट टैक्स शामिल होता है। यह रिफंड टैक्सपेयर के खाते में आता है, इसलिए बैंक डिटेल्स का ठीक होना और भी जरूरी हो जाता है।


31 जुलाई की तारीख हो गई मिस
वे टैक्सपेयर्स जो 31 जुलाई की तारीख मिस कर गए हैं वे छह मूल्यांकन वर्षों (six assessment years) तक अपने रिफंड का दावा कर सकते हैं। हालांकि, रिफंड का दावा करने के लिए पहले देरी की माफी के लिए आवेदन करना होगा। स्वीकृति मिलने के बाद,आईटीआर ऑनलाइन दाखिल कर सकते हैं।


बकाया मांग के लिए रिफंड हो सकता है एडजस्ट
इनकम टैक्स कानून के तहत आयकर विभाग पिछले वर्षों की किसी भी बकाया मांग को देखते हुए रिफंड को एडजस्ट कर सकता है। हालांकि, ऐसा करने से पहले टैक्सपेयर को सूचित किया जा सकता है। अगर टैक्सपेयर को लगता है विभाग ने इस एडजस्टमेंट को ठीक से नहीं किया है तो आयकर वेबसाइट पर शिकायत दर्ज की जा सकती है।



आयकर रिफंड के लिए रिटर्न को 30 दिन में ई-सत्यापित करें

नई दिल्ली । आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि खत्म होते ही अब रिफंड जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अपनी देनदारी से अधिक टैक्स चुकाने वाले करदाता ही रिफंड प्राप्त करने के हकदार हैं लेकिन इसके जरिए जरूरी है कि वे रिटर्न दाखिल करने के 30 दिन के भीतर उसे ई- सत्यापित करें। इसके बाद ही विभाग रिफंड जारी करने की प्रक्रिया शुरू करेगा।

अगर करदाता ई-सत्यापन से चूक जाते हैं तो रिफंड का दावा खारिज हो जाएगा। आईटीआर का ई-सत्यापन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से किया जा सकता है। करदाता जिस तारीख को आईटीआर को ई- सत्यापित करता है, उसी तारीख से रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। आमतौर पर सत्यापन की तारीख से पैसा आने में 15 दिन से लेकर 2 महीने तक का समय लग सकता है। यदि रिटर्न में गड़बड़ है तो रिफंड प्रक्रिया में देरी हो सकती हैं। ऐसे मामलों में संशोधित रिटर्न दाखिल करना पड़ सकता है।


अगर विलंब हो जाए तो... 

■ सबसे पहले अपना ई-मेल जांचें।
आयकर विभाग रिफंड या किसी तरह की कोई अतिरिक्त जानकारी ई-मेल के जरिए भेजता है।
■ रिफंड दावा खारिज हो गया है तो करदाता रिफंड जारी करने के लिए दोबार अनुरोध कर सकते हैं।
■ यदि दावा लंबित है तो पोर्टल पर इसके शीघ्र निपटारे के लिए अनुरोध कर सकते हैं।


इन वजहों से देरी संभव

1. बैंक खाते का गलत विवरण दर्ज हो
2. बैंक खाते पूर्व सत्यापित न हो 
3. आईटीआर में सही जानकारी न हो 
4. आईटीआर की स्क्रूटनी हो 
5. करदाता पर पिछली कर देनदारी हो 
6. आय की गणना में गड़बड़ी हो

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