Searching...
Thursday, August 29, 2024

अब यूपी सरकार यूट्यूबर्स और रील बना कर सरकार की नीतियों को प्रोत्साहित व प्रचार करने वालों को देगी विज्ञापन, उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024 जारी

अब यूपी सरकार यूट्यूबर्स और रील बना कर सरकार की नीतियों को प्रोत्साहित व प्रचार करने वालों को देगी विज्ञापन, उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024  जारी

डिजिटल प्लेटफार्म पर सरकारी नीतियों के प्रचार पर मिलेगा विज्ञापन मिलेगा


लखनऊ । राज्य सरकार प्रदेश के यूट्यूबर्स और रील बना कर सरकार की नीतियों को प्रोत्साहित व प्रचार करने वालों को विज्ञापन देगी। राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित कंटेंट प्रदेश की ख्याति प्राप्त गैर सूचीबद्ध प्रतिष्ठित डिजिटल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को उनके सब्स्क्राइबर व फॉलोअर्स के आधार पर अधिकतम धनराशि का विज्ञापन दिया जाएगा। प्रमुख सचिव सूचना संजय प्रसाद ने बुधवार को उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024 को जारी किया।


राज्य सरकार की विभिन्न विकासपरक, जनकल्याणकारी, लाभकारी योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी देने के लिए यह व्यवस्था की गई है। उपलब्धियों की जानकारी और उससे होने वाले लाभ को जनता तक डिजिटल मीडिया और प्लेटफार्म्स के माध्यम से पहुंचाया जाएगा।


 उत्तर प्रदेश की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा विदेश, देश, राज्यों और जिलों में रहता है। यूपी के लोग रोजगार, व्यवसाय और अन्य विभिन्न कारणों से प्रदेश के बाहर रह रहे हैं। उत्तर प्रदेश की कला संस्कृति एवं विकास, समाचार संबंधी कंटेंट को प्राथमिकता से पोस्ट करने वाले डिजिटल मीडिया हैंडल, पेज, चैनल, आकंउट होल्डर, संचालक, डिजिटल मीडिया इंफ्लूएंसर्स, कंटेंट राइटर या इनसे संबंधित एजेंसी, फर्म को विज्ञापन देने में प्राथमिकता दी जाएगी। सूचना विभाग सूचीबद्ध होने वालों को मासिक भुगतान के लिए बाध्य नहीं होगा।


कंटेंट में दोहराव नहीं होना चाहिए

सामान्य दशा में अधिकतम अनुमन्य सीमा तक ही विज्ञापन जारी किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में विज्ञापन की उपयोगिता व कंटेंट की गुणवत्ता के आधार पर निदेशक सूचना की संस्तुति के आधार पर तय सीमा में शिथिलता प्रदान किए जाने का अधिकार शासन में निहित होगा। कंटेंट दोहराया नहीं जाना चाहिए। भुगतान के लिए जो मापदंड डिजिटल मीडिया के आकलन के लिए प्रयोग में आने वाले साफ्टवेयर के अधिकृत वर्जन के आधार पर शासन को सूचित कर सहमति प्राप्त होने के बाद भुगतान की कार्यवाही की जाएगी।



सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डाली तो कानूनी कार्रवाई

यूपी कैबिनेट ने डिजिटल मीडिया नीति को दी मंजूरी, अब निजी  साइट्स और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर को मिल सकेगा सरकारी विज्ञापन

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति-2024 को मंजूरी दे दी गई है। इसमें जहां सोशल मीडिया पर काम करने वाली एजेंसी व फर्म को विज्ञापन की व्यवस्था की गई है, वहीं अभद्र या राष्ट्र विरोधी पोस्ट डालने पर कानूनी कार्रवाई के प्रावधान भी किए गए हैं।


प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी, लाभकारी योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी और उसके लाभ को लोगों तक डिजिटल व सोशल मीडिया का माध्यम से पहुंचाने के लिए यह नीति लाई गई है। इसके तहत एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब पर प्रदेश सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित कंटेंट, वीडियो, ट्वीट, पोस्ट और रील को प्रदर्शित किए जाने के लिए इनसे संबंधित एजेंसी व फर्म को विज्ञापन देकर प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में रोजगार मिल सकेगा।

इस नीति के तहत सूचीबद्ध होने के लिए एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब में से प्रत्येक को सब्सक्राइबर व फॉलोअर्स के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है।


विज्ञापन का श्रेणीवार होगा भुगतान

एक्स, फेसबुक व इंस्टाग्राम के एकाउंट होल्डर, संचालक, इन्फ्लूएंसर (प्रभाव रखने वाले) को भुगतान के लिए श्रेणीवार अधिकतम सीमा क्रमशः 5 लाख, 4 लाख, 3 लाख और 3 लाख रुपये प्रतिमाह निर्धारित की गई है। यू- ट्यूब पर वीडियो, शार्ट्स, पॉडकास्ट भुगतान के लिए श्रेणीवार अधिकतम सीमा क्रमशः 8 लाख, 7 लाख, 6 लाख और 4 लाख प्रतिमाह निर्धारित की गई है।


राष्ट्र विरोधी कंटेट पोस्ट करने पर कार्रवाई: इस संबंध में नीति लाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत निदेशक सूचना शिशिर सिंह ने बताया कि पोस्ट किया गया कंटेंट अभद्र, अश्लील और राष्ट्र विरोधी नहीं होना चाहिए।


अभी आईटी एक्ट के तहत होती थी कार्रवाई, अब उम्रकैद तक

■ अभी सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर पुलिस द्वारा आईटी एक्ट की धारा 66 (ई) और 66 (एफ) के तहत कार्रवाई की जाती है। अब प्रदेश सरकार पहली बार ऐसे मामलों पर नियंत्रण के लिए नीति ला रही है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर तीन साल से लेकर उम्र कैद (राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में) तक की सजा का प्रावधान है।

■ इसके अलावा अभद्र एवं अश्लील सामग्री पोस्ट करने पर आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना भी करना पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने ऐसी हरकतों पर अंकुश लगाने के लिए तीन वर्ष पूर्व इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड जारी किए थे। 

संबन्धित खबरों के लिए क्लिक करें

GO-शासनादेश NEWS अनिवार्य सेवानिवृत्ति अनुकम्पा नियुक्ति अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण अवकाश आधार कार्ड आयकर आरक्षण आवास उच्च न्यायालय उच्‍च शिक्षा उच्चतम न्यायालय उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड उपभोक्‍ता संरक्षण एरियर एसीपी ऑनलाइन कर कर्मचारी भविष्य निधि EPF कामधेनु कारागार प्रशासन एवं सुधार कार्मिक कार्यवाही कृषि कैरियर कोर्टशाला कोषागार खाद्य एवं औषधि प्रशासन खाद्य एवम् रसद खेल गृह गोपनीय प्रविष्टि ग्रामीण अभियन्‍त्रण ग्राम्य विकास ग्रेच्युटी चतुर्थ श्रेणी चयन चिकित्सा चिकित्‍सा एवं स्वास्थ्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति छात्रवृत्ति जनवरी जनसुनवाई जनसूचना जनहित गारण्टी अधिनियम धर्मार्थ कार्य नकदीकरण नगर विकास निबन्‍धन नियमावली नियुक्ति नियोजन निर्वाचन निविदा नीति न्याय न्यायालय पंचायत चुनाव 2015 पंचायती राज पदोन्नति परती भूमि विकास परिवहन पर्यावरण पशुधन पिछड़ा वर्ग कल्‍याण पीएफ पुरस्कार पुलिस पेंशन प्रतिकूल प्रविष्टि प्रशासनिक सुधार प्रसूति प्राथमिक भर्ती 2012 प्रेरक प्रोबेशन बजट बर्खास्तगी बाट माप बेसिक शिक्षा बैकलाग बोनस भविष्य निधि भारत सरकार भाषा मत्‍स्‍य मंहगाई भत्ता महिला एवं बाल विकास माध्यमिक शिक्षा मानदेय मानवाधिकार मान्यता मुख्‍यमंत्री कार्यालय युवा कल्याण राजस्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद राज्य सम्पत्ति राष्ट्रीय एकीकरण रोक रोजगार लघु सिंचाई लोक निर्माण लोक सेवा आयोग वरिष्ठता विकलांग कल्याण वित्त विद्युत विविध विशेष भत्ता वेतन व्‍यवसायिक शिक्षा शिक्षा शिक्षा मित्र श्रम सचिवालय प्रशासन सत्यापन सत्र लाभ सत्रलाभ समन्वय समाज कल्याण समाजवादी पेंशन समारोह सर्किल दर संवर्ग संविदा संस्‍थागत वित्‍त सहकारिता सातवां वेतन आयोग सामान्य प्रशासन सार्वजनिक उद्यम सार्वजनिक वितरण प्रणाली सिंचाई सिंचाई एवं जल संसाधन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम सूचना सेवा निवृत्ति परिलाभ सेवा संघ सेवानिवृत्ति सेवायोजन सैनिक कल्‍याण स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण होमगाडर्स