लखनऊ : ग्राम पंचायत और विकास खंड स्तर पर सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में कमी और जनता से सीधा संवाद न होने की शिकायतों को देखते हुए अब ग्राम्य विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जिले एवं खंड विकास अधिकारी को अपने विकासखंड पर ही निवास करना होगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शनिवार को सभी जिला अधिकारियों व मुख्य विकास अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि डीएम व सीडीओ सुनिश्चित करें कि ग्राम्य विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अपने तैनाती जिले में और खंड विकास अधिकारी विकासखंड पर ही निवास करें। कोई ग्राम्य विकास अधिकारी या खंड विकास अधिकारी तैनाती वाले जिले व विकासखंड से अलग कहीं पर निवास कर रहा हो तो उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि मुख्य सचिव ने अपने निर्देश में कहा है कि जनसमस्याओं का समयबद्ध निस्तारण कराना सरकार की प्राथमिकता है। अपने-अपने तैनाती जिलों व विकास खंड मुख्यालय में इन अधिकारियों के निवास करने से नागरिकों के साथ जहां एक ओर उनका सीधा संवाद बनाने में सुविधा होगी, वहीं, जन समस्याओं के निराकरण में भी गति आएगी।
कई जिलों से यह शिकायतें आ रहीं थी कि ग्राम्य विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अपने जिलों में नहीं मिलते हैं। वह जिलों से बाहर रहते हैं। वहीं, खंड विकास अधिकारी भी अपने विकासखंडों में निवास नहीं करते हैं। ऐसे में जनता को अपनी समस्या को दूर करने के लिए कई दिनों तक भटकना पड़ता है। ग्राम्य विकास विभाग की योजनाएं भी इस कारण प्रभावित हो रही हैं।