लखनऊ : विभागीय कार्यप्रणाली में विजिलेंस की ताबड़तोड़ कार्रवाइयों से हड़कंप मचा हुआ है। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए विजिलेंस विभाग ने अपनी जांच और कार्रवाई को तेज कर दिया है। हर तीसरे-चौथे दिन होने वाली इन कार्रवाइयों ने कई बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की नींद उड़ा दी है। विजिलेंस विभाग के सक्रिय होने से सरकारी कार्यालयों में कामकाज का माहौल पूरी तरह से बदल गया है।
इन कार्रवाइयों का प्रभाव इतना व्यापक है कि विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यों को लेकर अधिक सतर्क हो गए हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त होने का जोखिम अब काफी बढ़ गया है, और अधिकारी जानते हैं कि विजिलेंस की नजरें उन पर टिकी हुई हैं। विजिलेंस की ये कार्रवाइयाँ केवल छोटे-मोटे भ्रष्टाचार के मामलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उच्च स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार को भी उजागर कर रही हैं।
विजिलेंस विभाग की टीम ने हर तीसरे-चौथे दिन किसी न किसी विभाग में जाकर छापेमारी की है, जिससे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। बिजली, शिक्षा, पुलिस, और नगर निगम जैसे महत्वपूर्ण विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा हुआ है। इन कार्रवाइयों के दौरान विजिलेंस विभाग ने कई अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगे हाथों पकड़ा और गिरफ्तार किया है।
इसके अलावा, विजिलेंस विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच में तेजी लाने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। ये टीमें नियमित रूप से विभागों का दौरा करती हैं और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करती हैं।
विभागों में विजिलेंस की इस सख्ती का एक अन्य सकारात्मक प्रभाव यह है कि अब अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्यों को अधिक पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ पूरा कर रहे हैं। सरकारी कार्यालयों में काम का माहौल बेहतर हो रहा है, और जनता का विश्वास भी धीरे-धीरे लौट रहा है।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विजिलेंस विभाग की ये कार्रवाइयाँ लंबी अवधि में सरकारी विभागों में किस हद तक सुधार ला पाती हैं और भ्रष्टाचार को रोकने में कितनी प्रभावी साबित होती हैं।
जुलाई माह में हुई कुछ प्रमुख कार्रवाइयाँ:
1. चीनी मिलों और उद्योग विभाग
- एक बड़ी चीनी मिल के अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा, और उसे जेल भेजा गया।
- चीनी मिल में हुए एक करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हुआ।
2. राजस्व विभाग
- दो अधिकारियों पर रिश्वत लेने का आरोप साबित हुआ, और उन्हें निलंबित कर दिया गया।
- तीन कर्मचारियों को जांच के बाद गिरफ्तार किया गया।
3. शिक्षा विभाग
- निजी विद्यालयों से जुड़े मामले में दो उच्च अधिकारियों को निलंबित किया गया।
- शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी को अवैध संपत्ति रखने के मामले में गिरफ्तार किया गया।
4. सिंचाई विभाग
- सिंचाई परियोजना में हुए घोटाले का पर्दाफाश हुआ, जिसमें तीन अधिकारी शामिल पाए गए।
- परियोजना के लिए आवंटित राशि का दुरुपयोग करते हुए पकड़ा गया।
विजिलेंस विभाग के प्रमुख ने कहा, "हमारी प्राथमिकता भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन सुनिश्चित करना है। हर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कितना भी ऊंचा पद क्यों न हो।"