मिनिमम बैलेंस के फेर में सरकारी बैंकों ने 5 साल में ग्राहकों से वसूल लिए 8,500 करोड़ रुपए
जनधन और बेसिक सेविंग्स अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं, वित्त मंत्री ने लोकसभा में दी ये जानकारी
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कहा गया है कि जन धन और बेसिक सेविंग्स अकाउंट में न्यूनतम अकाउंट बैलेंस रखने की आवश्यकता नहीं है। बैंक द्वारा केवल उन्हीं ग्राहकों पर जुर्माना लगाया जाता है जो अपने खाते में अपेक्षित राशि बनाए रखने में विफल रहते हैं।
बैंक खातों में ग्राहकों की ओर से न्यूनतम बैलेंस न रखने के कारण 8,500 करोड़ रुपये का जुर्माना सरकारी बैंकों द्वारा बीते 5 वर्षों में वसूले जाने के एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने ये बात कही। ऐसे में अगर आपका बैंक जनधन या बेसिक सेविंग्स अकाउंट में बैलेंस नहीं मेनटेन करने पर चार्ज लेता है तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। बैंक की शिकायत आप बैंकिंग लोकपाल के पास भी कर सकते हैं।
लोकसभा में दिया गया लिखित जवाब
सीतारमण ने कहा कि सदन के सदस्यों की ओर से बैंकों द्वारा न्यूनतम बैलेंस न रखने पर राशि काटे जाने का सवाल उठाया गया है। यह नियम पीएम जन धन खातों और बेसिक सेविंग्स अकाउंट पर लागू नहीं होता है। ये केवल उन खातों पर लागू होता है, जिसमें ग्राहकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने खाते में एक सीमा तक न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें। वित्त मंत्री की ओर से यह जवाब लिखित में लोकसभा में दिया गया।
इन बैंकों ने वसूला भारी जुर्माना
बता दें, जिन सरकारी बैंकों द्वारा न्यूनतम बैलेंस न रखने के कारण जुर्माना वसूला गया है उनमें पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया बैंक, यूको बैंक, इंडियन बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का नाम शामिल है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले महीने लोकसभा को बताया था कि न्यूनतम बैलेंस न रखने के कारण सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष 24 में 2,331 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है। यह राशि पिछले साल वसूली गई रकम से 25 प्रतिशत अधिक थी।
वित्त वर्ष 2023-24 में पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 633 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा 386 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक द्वारा 369 करोड़ रुपये का जुर्माना न्यूनतम बैलेंस न रखने के लिए वसूला गया है।
मिनिमम बैलेंस के फेर में सरकारी बैंकों ने 5 साल में ग्राहकों से वसूल लिए 8,500 करोड़ रुपए
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के लोकसभा में एक सवाल के जवाब देने के दौरान बताया कि देश के सरकारी बैंकों ने पिछले पांच साल में इसी मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से करीब 8,500 करोड़ रुपए की कमाई की है.
अक्सर लोग इमरजेंसी के लिए अपनी बचत बैंक अकाउंट में रखते हैं, लेकिन कई बार ग्राहक खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की गाइडलाइन से चूक जाते हैं. जिसके चलते बैंक उनसे जुर्माना वसूलते हैं. देश के सरकारी बैंकों ने पिछले पांच साल में इसी मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से करीब 8,500 करोड़ रुपए की कमाई की है. इस बात का खुलासा वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के लोकसभा में एक सवाल के जवाब देने के दौरान हुआ.
उन्होंने बताया कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई के वित्तीय वर्ष 2020 से मिनिमम बैलेंस पेनल्टी न वसूलने के बाावजूद इसकी राशि 38 फीसदी बढ़ गई है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 11 सरकारी बैंकों में से छह ने मिनिमम क्वार्टरली एवरेज बैलेंस मेंटेन न होने पर जुर्माना वसूला. हालांकि चार बैंकों, इंडियन बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने न्यूनतम बैलेंस न बनाए रखने पर पेनाल्टी नहीं लगाई.
किस बैंक ने की सबसे ज्यादा कमाई?
डेटा के मुताबिक मिनिमम बैलेंस पेनाल्टी से सबसे ज्यादा कमाई एसबीआई ने की. बैंक ने 2019-20 में इससे 640 करोड़ रुपए कमाए थे, हालांकि बाद में बैंक न जुर्माना वसूलना बंद कर दिया. इसके बाद 2023-24 में पंजाब नेशनल बैंक ने पेनल्टी से 633 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 387 करोड़ रुपए, इंडियन बैंक ने 369 करोड़ रुपए, केनरा बैंक ने 284 करोड़ रुपए और बैंक ऑफ इंडिया ने 194 करोड़ रुपए कमाएं.
किस बैंक में कितना रखना होता है मिनिमम बैलेंस?
विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में मिनिमम बैलेंस और इसके जुर्माने को लेकर अलग-अलग व्यवस्था है. उदाहरण के तौर पर पंजाब नेशनल बैंक की वेबसाइट के मुताबिक बचत खाताधारकों को शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमश: 2,000, 1,000 और 500 रुपए का न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करना होता है. ऐसा न करने पर 100 से 250 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं चालू खाताधारक के लिए, ग्रामीण, अर्ध-शहरी, शहरी और मेट्रो श्रेणी के लिए न्यूनतम बैलेंस क्रमशः ₹1,000, ₹2,000, ₹5,000 और 10,000 रुपए है.
केनरा बैंक की वेबसाइट के मुताबिक बचत खाताधारक को शहरी और मेट्रो क्षेत्र में 2,000 मेंटेन करना जरूरी है, जबकि अर्ध-शहरी क्षेत्र में यह 1,000 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में 500 रुपए है. बैलेंस कम होने पर राशि के आधार पर GST के साथ 25 से 45 रुपए के बीच जुर्माना देना होगा. इसी तरह पेनाल्टी के दूसरे प्रावधान भी हैं.