01 अक्टूबर से छोटी बचत योजनाओं में अहम बदलाव, PPF खाता एक से ज्यादा होने पर ब्याज में होगी कटौती
नई दिल्ली : डाकघर की छोटी बचत योजनाओं में सरकार अहम बदलाव करने जा रही है। इन योजनाओं में पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, राष्ट्रीय बचत खाता आदि शामिल हैं। एक से अधिक पीपीएफ खाता होने पर ब्याज में कटौती होगी। नए बदलाव एक अक्तूबर 2024 से लागू होंगे।
वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग ने नियमों के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यदि कोई खाता अनियमित पाया जाता है तो उसे जरूरी अनुपालन प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी अन्यथा खाता बंद हो सकता है। इसके लिए छह श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। इसमें अनियमित राष्ट्रीय बचत योजना खाते, नाबालिग के नाम पर खोले गए पीपीएफ खाते, एक से अधिक पीपीएफ खाते, एनआरआई द्वारा पीपीएफ खाते का विस्तार और अभिभावकों के अलावा दादा-दादी की ओर से खोले गए सुकन्या समृद्धि खाते का नियमितीकरण मुख्य तौर पर शामिल हैं।
डाकघरों को खाताधारकों से पैन-आधार की जानकारी लेनी होगी। नियमितीकरण आवेदन जमा करने से पहले सिस्टम को अपडेट करना होगा।
नाबालिग के नाम खाता
बच्चों या नाबालिगों के नाम पर खोले गए अनियमित पीपीएफ खातों पर उनके वयस्क होने तक डाकघर बचत खाते की सामान्य ब्याज दर मिलेगी। बालिग होने पर पीपीएफ ब्याज दर मिलेगी।
सुकन्या समृद्धि योजना
● दादा-दादी (जो कानूनी अभिभावक नहीं हैं) द्वारा खोले गए खातों के मामलों में खाते की संरक्षकता बच्चे के कानूनी अभिभावक को हस्तांतरित कर दी जाएगी।
● यदि एक ही परिवार में दो खाते खोले गए हैं तो अनियमित खाते को बंद कर दिया जाएगा। अनियमित खाते का मतलब सालाना न्यूनतम राशि न जमा करना है।
राष्ट्रीय बचत खाता
● तीन तरह के खातों के लिए नियम बदले गए हैं। अप्रैल 1990 से पहले खोले गए दो खाते और इसके बाद खोले गए दो से अधिक खाते।
● इसमें पहले प्रकार के खातों के लिए 0.20 प्रतिशत डाकघर बचत खाता ब्याज अतिरिक्त जोड़ा जाएगा। जबकि अन्य प्रकार के खातों पर सामान्य ब्याज ही मिलेगा।
● तीसरे खाते पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा, बल्कि उनकी मूल राशि वापस कर दी जाएगी।
पीपीएफ खाता (एक से अधिक अधिक खाते)
● ऐसे मामले में लागू ब्याज प्राथमिक खाते पर ही मिलेगा। बशर्ते जमा राशि अधिकतम सीमा के भीतर हो।
● दूसरे खाते की शेष राशि को पहले खाते में मिला दिया जाएगा। बशर्ते प्राथमिक खाता लागू निवेश अधिकतम सीमा के भीतर रहे।
● विलय के बाद प्राथमिक खाते पर लागू ब्याज दर मिलती रहेगी। दूसरे खाते में अतिरिक्त शेष राशि पर शून्य प्रतिशत ब्याज दर के साथ वापस कर दी जाएगी।
● प्राथमिक खाता उसे माना जाएगा, जहां निवेशक विलय के बाद खाते को डाकघर अथवा बैंक में से किसी एक जगह जारी रखना चाहता है।
● यदि कोई तीसरा खाता भी है तो उसे खोलने की तिथि से ब्याज शून्य हो जाएगा।