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Wednesday, July 24, 2024

Budget 2024: बच्चों के लिए नई पेंशन योजना ‘एनपीएस वात्सल्य’ होगी शुरू, वयस्क होने पर सामान्य एनपीएस खाते में होगी तब्दील


Budget 2024: बच्चों के लिए नई पेंशन योजना ‘एनपीएस वात्सल्य’ होगी शुरू, वयस्क होने पर सामान्य एनपीएस खाते में होगी तब्दील


वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की है। योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में मंगलवार को बच्चों के लिए नई पेंशन योजना ‘एनपीएस वात्सल्य’ शुरू करने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने संसद में 2024-25 का बजट पेश करते हुए कहा कि इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे। बच्चे के वयस्क होने पर, इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा। 


वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने मार्च, 2023 में एनपीएस लाभ को बेहतर बनाने के लिए वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था।


शुरुआती बचत और निवेश को प्रोत्साहित करने वाली योजना
एनपीएस वात्सल्य योजना बच्चों के लिए शुरुआती बचत और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत, माता-पिता या अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों के लिए खाता खोल सकते हैं और अपनी सेवानिवृत्ति बचत में योगदान कर सकते हैं। यह योजना मूल रूप से मौजूदा एनपीएस का एक प्रकार है, लेकिन इसे युवा व्यक्तियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।


निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए कटौती की सीमा बढ़ी

बजट में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में बड़ी राहत दी गई है। सरकार ने एनपीएस में नियोक्ताओं के योगदान के लिए कटौती की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया। यह बदलाव नई कर व्यवस्था के अंतर्गत सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की कंपनियों पर लागू होगा। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए ने सरकार से इसकी सिफारिश की थी। उसका कहना था कि एनपीएस में योगदान देने वाली कंपनियों और नियोक्ताओं के लिए समान अवसर होने चाहिए। एनपीएस में मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर 10 प्रतिशत की कटौती की जाती है, जबकि ईपीएफओ के मामले में यह 12 फीसदी और सरकारी कर्मचारियों के मामले में यह सीमा 14 फीसदी है।

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