लखनऊ। पेंशनरों की मृत्यु के बाद उनके खाते से पेंशन धनराशि निकालने पर शासन ने रोक लगा दी है। इसके बावजूद धनराशि निकालने पर जिलाधिकारी वसूली करेंगे। इस संबंध में पेंशन धारिक व नॉमिनी से प्राधिकार पत्र के साथ अंडरटेकिंग भी ली जाएगी।
शासन ने पेंशन प्राधिकार पत्र में संशोधन किया है। इस संबंध में पेंशन निदेशालय को शासनादेश जारी किया गया है। कोषागार से पेंशन लेने वाले पेंशनर व पारिवारिक पेंशनर साल में एक बार जीवित प्रमाण पत्र दाखिल करते हैं। इस प्रमाण पत्र की वैधता के बीच पेंशनर की मृत्यु हो जाती है और इसकी सूचना कोषागार को नहीं दी जाती है तो जीवित प्रमाण पत्र की वैधता अवधि तक उनके खाते में पेंशन जाती रहती है। पेंशन का अधिक भुगतान हो जाता है।
शासनादेश का मुताबिक पेंशनरों के परिजनों की जिम्मेदारी होगी कि वे पेंशनर की मृत्यु की सूचना तत्काल कोषागार को दी जाए। मृत्यु की सूचना समय पर न देने की स्थिति पर खाते से रकम न निकालने के निर्देश दिए गए हैं। परिजन द्वारा ज्यादा पेंशन निकालने की स्थिति में उनका फर्ज होगा कि ज्यादा ली गई राशि का समायोजन कराएं।