लखनऊ। न्यूनतम पेंशन से भी कम पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशनरों व पारिवारिक पेंशनरों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम पेंशन 9000 रुपये से कम प्राप्त करने वाले पेंशनरों व पारिवारिक पेंशनरों को पुनरीक्षित पेंशन दी जाएगी। साथ ही एरियर का भुगतान भी किया जाएगा।
वित्त विभाग के विशेष सचिव नील रतन कुमार द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि केंद्रीय वेतन आयोगों के गठन के बाद राज्य वेतन समितियों की संस्तुतियों के प्रभावी होने की तारीख से पहले रिटायरमेंट या मृत्यु होने की दशा में स्वीकृत पेंशन का पुनरीक्षण कोषागार द्वारा निर्धारित फार्मेट के आधार पर कर दिया जाता है। लेकिन, वेतन समितियों की संस्तुतियां प्रभावी होने की तारीख और शासनादेश निर्गत होने की तारीख के बीच स्वीकृत पेंशन का पुनरीक्षण पुनरीक्षित प्राधिकार पत्र जारी होने के बाद ही होता है।
वर्तमान में ऐसे पेंशनरों की संख्या अच्छी खासी है, जिनकी पेंशन का पुनरीक्षण नहीं हुआ है। ऐसे पेंशनर पुरानी वेतन समितियों की संस्तुति के आधार पर ही कम पेंशन पा रहे हैं। उन्हें 2016 में उप्र वेतन समिति की संस्तुति के मुताबिक न्यूनत 9000 रुपये से भी कम पेंशन मिल रही है। इस संबंध में महालेखाकार ने आपत्ति की है। शासनादेश के मुताबिक किसी भी पेंशनर या पारिवारिक पेंशनरों को 9000 से कम पेंशन नहीं दी जाएगी। इससे कम पेंशन पाने वालों का पुनरीक्षण किया जाएगा और एरियर भी दिया जाएगा।