नई दिल्ली । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में नई कर व्यवस्था में बदलाव कर वेतनभोगियों और अन्य करदाताओं को बड़ी राहत देने की कोशिश की है। नई कर व्यवस्था में मानक कटौती बढ़ाई गई है और कर ढांचे को भी बदला गया है। इससे इस व्यवस्था को चुनने वाले करदाताओं की 7 लाख 75 हजार रुपये तक की आय पूरी तरह कर मुक्त हो जाएगी। इससे अधिक की आय होने पर नए कर ढांचे के अनुसार आयकर देय होगा।
नई व्यवस्था में पहले कर मुक्त आय सात लाख रुपये थी, जिसमें 50 हजार की मानक कटौती को जोड़कर इसे 7.50 लाख रुपये तक किया गया था। अब इस बजट में नई व्यवस्था अपनाने वालों को और अधिक राहत देने के लिए मानक कटौती की सीमा 75 हजार रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही कर ढांचा भी बदला गया है।
इसके तहत अब तीन लाख रुपये तक कोई कर नहीं लगेगा। वहीं 3, लाख से 7 लाख रुपये तक 5 फीसदी कर देना होगा। पहले यह 10 फीसदी था। वहीं, 15 लाख से अधिक की आय पर 30 फीसदी की दर से कर देना होगा। नई आयकर व्यवस्था के तहत कर के नए स्लैब एक अप्रैल 2024 से प्रभावी होंगे।
नई व्यवस्था ही विकल्प बनेगी :
विशेषज्ञों के मुताबिक बजट से साफ है कि सरकार भविष्य में नई कर व्यवस्था को ही मजबूती देना चाहती है। 7.75 लाख रुपये तक की आय पूरी तरह से टैक्स के दायरे से बाहर रखने से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा पहुंचेगा।
पुरानी कर व्यवस्था चुनने वाले खाली हाथ
बजट में पुरानी कर व्यवस्था में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है, न ही कोई रियायत दी गई है। इससे पुरानी कर व्यवस्था चुनने वालों को मायूसी हाथ लगी है। उम्मीद की जा रही थी कि यहां भी मानक कटौती की सीमा बढ़ाई जा सकती है लेकिन इसे 50 हजार रुपये पर ही बरकरार रखा गया है। इसी तरह कर ढांचा में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है।