एनपीएस अधिसूचना से पूर्व के कर्मियों को पुरानी पेंशन का फायदा
■ इस तिथि से पूर्व जिन पदों का विज्ञापन निकल गया था उनको होगा लाभ
■ केंद्र सरकार ने इसका आदेश मार्च 2023 को जारी कर दिया था
लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) लागू किए जाने की अधिसूचना जारी होने से पूर्व नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापनों से भर्ती कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का विकल्प चुनने का मौका देगी। इस आशय के प्रस्ताव को प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। इस व्यवस्था के मुताबिक ऐसे कर्मचारी जिनकी नियुक्ति एक अप्रैल 2005 को अथवा उसके बाद हुई है, परंतु उस नियुक्ति का विज्ञापन एनपीएस लागू किए जाने संबंधी अधिसूचना जो 28 मार्च 2005 के पूर्व प्रकाशित हो चुका था, को पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने का विकल्प सरकार देगी।
इस नियम में आने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के कार्मिक, परिषदीय विद्यालयों, शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं तथा राज्य सरकार द्वारा अनुदानित स्वायत्तशासी संस्थाओं के कार्मिक पुरानी पेंशन चुनने के विकल्प का लाभ ले सकेंगे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए इस आशय का आदेश तीन मार्च 2023 को जारी कर दिया था।
यूपी: 50,000 शिक्षक व कार्मिक होंगे लाभान्वित, 28 मार्च 2005 से पहले प्रकाशित विज्ञापन से नौकरी पाने वालों को पुरानी पेंशन
लखनऊ। प्रदेश में 28 मार्च 2005 से पहले प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर सरकारी नौकरी पाने वालों को पुरानी पेंशन स्कीम का विकल्प चुनने का अवसर मिलेगा। कैबिनेट ने मंगलवार को इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इससे करीच 50 हजार शिक्षक व कार्मिक लाभांवित होंगे।
यूपी सरकार ने 28 मार्च 2005 को यह प्रावधान किया था कि 1 अप्रैल 2005 या उसके बाद कार्यभार ग्रहण करने वाले कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के दायरे में होंगे। यह प्रावधान राज्य सरकार के कार्मिक, शासन के नियंत्रण वाली स्वायत्तशासी संस्थाओं और शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के कर्मियों व शिक्षकों पर लागू किया गया।
तमाम ऐसे शिक्षक व कार्मिक है, जिनकी नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 को या उसके बाद हुई, लेकिन उस नौकरी का विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पहले निकला था। ये कर्मों लंबे समय से पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) का लाभ देने की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार इस तरह के कर्मियों को पहले ही यह सुविधा दे चुकी है।
कैबिनेट से अनुमोदित प्रस्ताव के अनुसार, ऐसे कार्मिक जिनकी नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 को या उसके बाद हुई है, लेकिन नियुक्ति के लिए पद का विज्ञापन एनपीएस लागू किए जाने संबंधी अधिसूचना जारी होने की तिथि 28 मार्च 2005 से पूर्व प्रकाशित हो चुका था, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का विकल्प उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया है।
पुरानी पेंशन पर यूपी सरकार ने दी गुड न्यूज, इस तारीख तक नौकरी पाने वालों को मिलेगा पुरानी पेंशन लेने का मौका
UP Cabinet decisions on old pension scheme: उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई. इसमें ओल्ड पेंशन स्कीम पर बड़ा फैसला लिया गया है.
old pension scheme in UP: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. इसमें सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को स्वीकार करते हुए कहा गया है कि एक तय तारीख तक जिन भर्तियों का विज्ञापन जारी किया गया है, उन्हें पुरानी पेंशन का विकल्प दिया जाएगा.
यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 28 मार्च 2005 के पहले तक जिन नौकरियों या भर्तियों का विज्ञापन जारी किया गया था और उनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी हो गई है, उन चयनित कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का विकल्प दिया जाएगा.
पुरानी पेंशन को लेकर उत्तर प्रदेश में राज्य कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांग रख रहे हैं. हालांकि 2004 के बाद से नई पेंशन स्कीम पूरे देश भर में लागू है. कुछ राज्यों ने ही पुरानी पेंशन को वापस लौटाने का प्रक्रिया शुरू की है. ओल्ड पेंशन स्कीम चुनाव के दौरान भी मुद्दा रहा है. सपा और बसपा जैसे दल चुनावों के दौरान इस पर लगातार अपनी आवाज मुखर करते रहे हैं.
कर्मचारियों का कहना है कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत मिलने वाली पेंशन बेहद कम है. इससे गुजारा बेहद मुश्किल है. न्यू पेंशन स्कीम को वो घाटे का सौदा बता रहे हैं. हालांकि सरकार को पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर वित्तीय घाटे की चिंता है. इससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है. इसी के लिए न्यू पेंशन स्कीम लाई गई थी. राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और अन्य राज्य सरकार के अनुदानित संस्थाओं में पेंशन योजना लागू होती है.