जानिए नए टेलिकॉम कानून की 8 बड़ी बातें
🔴 मैक्सिमम 9 सिम कार्ड ले सकेंगे भारतीय
🔴 9 से ज्यादा सिम लेने पर ₹50,000 से ₹2 लाख तक का जुर्माना
🔴 फर्जी तरीके से सिम लेने पर 50 लाख जुर्माना और/या 3 साल जेल
🔴 इमरजेंसी के समय सरकार नेटवर्क या टेलिकॉम सर्विस सस्पेंड कर सकती है
🔴 इमरजेंसी के समय मैसेज के प्रसार को जहां चाहे रोक सकती है
🔴 प्रमोशनल मैसेज भेजने से पहले ग्राहक की सहमति लेनी होगी
🔴 पुराने सभी टेलीकॉम कानून समाप्त हो जाएंगे
🔴 टेलिकॉम की लाइसेंसिंग आसान होगी।
ग्राहकों की मंजूरी के बिना कारोबारी संदेश भेजे, तो कार्रवाई
नई दिल्ली। नई दूरसंचार नीति के तहत अब एक व्यक्ति 9 से ज्यादा सिम नहीं रख सकता। जम्मू- कश्मीर और पूर्वोत्तर के निवासियों के लिए यह सीमा 6 सिम की है। इससे अधिक सिम कार्ड का उपयोग करने पर पहली बार 50 हजार रुपये और बाद में दो लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। संसद में पिछले साल दिसंबर में पारित दूरसंचार नीति बुधवार से लागू हो गई है।
नई नीति के तहत, धोखाधड़ी से सिम कार्ड लेने व किसी और के पहचान दस्तावेज का उपयोग करने पर तीन साल तक की कैद, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं। विज्ञापन का मैसेज भेजने के लिए ग्राहक की मंजूरी लेनी होगी। ग्राहकों की मंजूरी के बिना भेजे गए कारोबारी संदेशों पर संबंधित ऑपरेटर को दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। साथ ही, सेवाएं देने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
गलत तरीके से सिम खरीदी तो 50 लाख जुर्माना
नया दूरसंचार अधिनियम-2023 26 जून से लागू हो गया है। इसमें फोन ग्राहकों के लिए ऐसे प्रावधान किए गए हैं, जिससे उनकी आईडी और सिम कार्ड का गलत उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
तीन साल की सजा होगी
इस कानून में प्रावधान किया गया है कि फर्जी तरीके से सिम कार्ड बेचने, खरीदने और इस्तेमाल करने पर भी तीन साल तक की जेल हो सकती है या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
कॉल टैपिंग पर भारी जुर्माना
कॉल टैप करना या रिकॉर्ड करना अपराध माना जाएगा। इसके लिए तीन साल की सजा भी हो सकती है। साथ ही दो करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
अनचाही कॉल रुकेगी
यदि ग्राहक डू-नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) सेवा चालू रखता है तो उसके पास इस तरह के एसएमएस या कॉल नहीं जाने चाहिए। ग्राहक बार-बार आने वाले फोन कॉल की शिकायत भी कर पाएंगे।
एक आईडी पर नौ सिम
एक पहचान पत्र पर 9 से ज्यादा सिम कार्ड होने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना है। दूसरी बार यही काम करने पर दो लाख रुपये तक का जुर्माना है। सिम बेचने के लिए बायोमेट्रिक डाटा लिया जाएगा, उसके बाद ही सिम जारी होगा। सिम कार्ड क्लोन करना भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।
सरकार के पास होगी शक्ति
सरकार को आपातकाल के समय किसी भी दूरसंचार सेवाओं या नेटवर्क का नियंत्रण लेने की अनुमति होगी। सरकार सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अपराधों की रोकथाम के लिए भी दूरसंचार सेवाओं का कंट्रोल अपने हाथ में ले सकती है।