8वें वेतन आयोग के गठन व डीए को मूल वेतन में जोड़ने की मांग
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रधानमंत्री को भेजा पत्र
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्तों, पेंशन व अन्य लाभों को संशोधित करने के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन व 50 प्रतिशत डीए को मूल वेतन में समाहित किए जाने की मांग की है। परिषद की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर इसकी मांग की है।
परिषद की शनिवार को हरिकिशोर तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य कर्मचारियों के वेतन, भत्तों, पेंशन आदि लाभों को संशोधित करने के लिए हर 10 साल पर वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया गया था। 7वें वेतन आयोग के गठन के बाद संस्तुतियों को 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था। ऐसे में 8वें वेतन आयोग की सस्तुतियां 1 जनवरी 2026 से लागू की जानी हैं। इसके लिए तत्काल 8वें वेतन आयोग के गठन की जरूरत है।
महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने कहा कि 7वें वेतन आयोग ने मूल वेतन में 14.27 प्रतिशत वृद्धि की, जो 70 साल में सबसे कम है। कर्मचारी संगठनों द्वारा न्यूनतम वेतन 26 हजार प्रतिमाह की मांग की गई थी। केंद्र द्वारा 7वें वेतन आयोग की सस्तुतियों को लागू करने के लिए गठित समिति ने इस पर सहमति भी व्यक्त की, लेकिन 18000 प्रतिमाह ही निर्धारित किया गया। प्रदेश के कर्मचारियों के लिए भत्तों की समानता अभी तक नहीं हुई है। इसलिए जल्द 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की गई है।