धूप-ताप और प्यास से बचाव के लिए करीब ढाई माह से चल रही तैयारी धरी की धरी यह गई और चुनाव आयोग का चेहरा बना दागदार
यूपी और बिहार की लोकसभा सीटों से जुड़े 50 मतदानकर्मियों की मौत से लगा चुनाव आयोग की तैयारियों पर दाग
मृतकों में ज्यादातर की उम्र 50 वर्ष से अधिक है। इससे भी चुनाव प्रबंधन संभाल रहे अफसरों की कार्यक्षमता पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ड्यूटी लगाते वक्त उन्होंने कार्मिकों की सेहत का ध्यान क्यों नहीं रखा?
वाराणसी । लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिण चरण के मतदान के एक दिन पहले पूर्वांचल की सात लोकसभा सीटों से जुड़े 38 चुनाव कार्मिकों की मौत से हड़कम्प मच गया। इन मौतों ने निर्वाचन आयोग की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए। धूप-ताप और प्यास से बचाव के लिए करीब ढाई माह से चल रही तैयारी घरी की घरी यह गई और आयोग का चेहरा दागदार बन गया।
पोलिंग पार्टियों के रवानगी स्थलों और मतदान केन्द्रों पर धूप-ताप से बचाव एवं प्यास बुझाने के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था नाकाफी दिखी। टैंकर में आया पानी धूप में गर्म हो चुका था। ओआरएस और ग्लूकोज के पैकेट की लूट मच गई थी। यह नजारा वाराणसी सहित अन्य सभी लोकसभा क्षेत्रों में बने रवानगी स्थलों पर दिखा।
घंटे दर घंटे होती गई मौतों ने एक तरफ साथ के कार्मिकों को अंदर से हिला दिया, वहीं मृत कर्मचारियों के घर मातम पसर गया। मृतकों में ज्यादातर की उम्र 50 वर्ष से अधिक है। इससे भी चुनाव प्रबंधन संभाल रहे अफसरों को कार्यक्षमता पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या ड्यूटी लगाते वक्त उनहोंन कार्मिकों की सेहत का ध्यान नहीं रखा?
शुक्रवार को पोलिंग पार्टियों की रवानगी के समय रवानगी स्थलों पर तापमान 43 से 46 के बीच में था। उस समय असहनीय उमस भी थी। ईवीएम समेत चुनाव सामग्रियों को लेने के लिए लंबा इंतजार के दौरान उमस भरी गर्मी असहनीय होती गई। इसलिए किसी की तबीयत रवानगी स्थल पर ही बिगड़ी तो कोई पोलिंग सेंटरों पर पहुंचने के बाद अचेत हो गया।
ड्यूटी में मौत पर परिजनों को 30 लाख तक मदद
वाराणसी, हिन्दुस्तान टीम। चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु, चोट-चपेट लगने अथवा अपंगता पर मतदानकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों के परिजनों को मुआवजे की व्यवस्था निर्वाचन आयोग ने की है। उग्रवादी हिंसा, बम विस्फोट, सशत्र हमले में मौत पर परिजनों को 30 लाख रुपये मिलेंगे। कर्मचारियों, अधिकारियों के लिए मुआवजा राशि का अलग से प्रावधान है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि प्रशिक्षण सहित चुनाव संबंधी कार्य की रिपोर्ट करने के लिए निवास/कार्यालय छोड़ते ही चुनाव ड्यूटी पर माना जाएगा, जब तक कर्मचारी कार्य पूरा करके अपने निवास/कार्यालय वापस नहीं पहुंच जाता। यदि इस अवधि के दौरान कोई अनहोनी होती है तो इसे चुनाव ड्यूटी के समय हुई घटना माना जाएगा। निर्वाचन से संबंधित सभी प्रकार की ड्यूटी में लगाए गए कर्मचारियों- अधिकारियों का बीमा किया जाता है।
इसमें प्रशिक्षण, ईवीएम कमीशनिंग, मतदान, मतगणना दिवस पर कार्मिकों शामिल है। कार्मिकों में पीठीसीन- सहायक पीठासीन अधिकारी और उनकी टीम, सेक्टर-जोनल मजिस्ट्रेट, * होमगार्ड, राज्य पुलिस, पीएसी, केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवान, विभिन्न - विभागों के इंजीनियर, कुक, ड्राइवर और क्लीनर आदि तक कवर किए गए हैं। बीईएल/ईसीआईएल इंजीनियरों के लिए, प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) ड्यूटी की अवधि और वह अवधि जिसके लिए अधिकारी को कमीशनिंग, मतदान/मतगणना व्यवस्था के लिए प्रतिनियुक्त किया जाता है, को चुनाव इयूटी अवधि में माना जाएगा।
अविलंब भुगतान का निर्देश
चुनाव आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार अनुग्रह राशि का भुगतान बिना अनावश्यक देरी के किया आएगा। अगर मौत उग्रशद या असामाजिक तत्वों के किसी हिंसक कृत्य, दम विस्फोट, सशख हमले से होती है, तो कर्मचारी के परिजन को 30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी। किसी अन्य कारण से मृत्यु होने पर 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी। चरमपंथी या असामाजिक तत्वों की संलिप्तता के कारण स्थायी विकलागला होती है तो 15 लाख और गंभीर चोट के परिणामस्वरूप स्थायी विकलांगता में 7.5 लाख रुपये दिए जाएंगे।
मिर्जापुर में सर्वाधिक मौतों से मचा कोहराम
मिर्जापुर। मिर्जापुर में एक के बाद एक मौतों से कोहराम मच गया। यहां कुल 25 लोगों ने जान गंवा दी है। इनमें 13 मतदानकर्मी हैं। मेडिकल कॉलेज के प्रचार्य आरवी कमल की मानें तो अब भी 25 मतदान कर्मचारी भर्ती हैं। जान गंवाने वाली में चकबंदी अधिकारी 54 वींच उमेश कुमार सुल्तानपुर के निवासी थे।
चंदौली में दो पीठासीन अफसरों के गर्मी से दम निकलने से हड़कंप मचा रहा। मरने वालों में दी पीठासीन अधिकारी शामिल हैं। एक पीठासीन अधिकारी की ड्यूटी सकलजीला के दानुपुर मतदान केंद्र पर लगी थी। वहीं, दूसरे की छूटी बलुआ के ममेला बुध पर थी।
आई एयर एम्बुलेंस, अस्पताल में बेड रिजर्व
वाराणसी। बाबतपुर एयरपोर्ट पर एयर एम्बुलेंस शुक्रवार को पहुंच गई। अस्पतालों में बेड रिजर्व कर दिये गये हैं। किसी कर्मी की स्थिति गंभीर होती है तो उसे स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा
बिहार में लू से 12 मतदानकर्मियों ने दम तोड़ा
पटना। राज्य में गर्मी और लू ने शुक्रवार को 51 लोगों की जान ले ली। इनमें 12 मतदानकमी हैं। लू से सबसे अधिक 15 लोगों की मौत औरंगाबाद जिले में हुई है। पटना के चार, नालंदा और कैमूर में छह-छह तो रोहतास व गया में पांच पांच लोगों की जान चली गई। हालांकि, आपदा प्रबंधन विभाग ने शुक्रवार को लू से 14 लोगों के मरने की पुष्टि की है। इनमें 10 मतदानकर्मी भी शामिल हैं। लू से जान गंवाने वालों में भोजपुर के पांच, रोहतास के तीन, कैमूर औरंगाबाद के एक-एक चुनावकर्मी हैं।