लखनऊ : प्रदेश के 1.35 लाख राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अधिकारियों व कर्मचारियों का वार्षिक मूल्यांकन 15 दिनों में किया जाएगा। इनका 100 अंकों में मूल्यांकन किया जाएगा। 40 अंक से कम होने पर वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं की जाएगी और उसे सेवा से भी बाहर किया जाएगा। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि मूल्यांकन कार्य शुरू करें और रिपोर्ट जल्द एनएचएम कार्यालय भेजें।
एनएचएम, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक डा. पिंकी जोवल की ओर से जिलाधिकारियों, जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्षों व मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए उनका मूल्यांकन करें। करीब पांच प्रतिशत तक वेतन वृद्धि हर वर्ष एनएचएम कर्मचारियों को मिलती है। 41 से 60 अंक तक पाने वाले को संतोषजनक, 61 से 80 अंक पाने वाले को अच्छा व 81 से 100 अंक तक पाने वाले कर्मियों को सर्वश्रेष्ठ की श्रेणी में रखा जाता है।
उधर, संयुक्त एनएचएम कर्मचारी संघ के महामंत्री योगेश उपाध्याय ने कहा कि हर महीने कर्मचारियों व अधिकारियों की आनलाइन रिपोर्टिंग की जाती है। जब मासिक मूल्यांकन किया जा रहा है तो वार्षिक मूल्यांकन करने का कोई औचित्य नहीं है। इससे कर्मचारियों का शोषण होगा। मालूम हो कि एनएचएम में चौकीदार को 8,400 रुपये प्रति महीने मानदेय दिया जाता है, वहीं चिकित्सकों व राज्य स्तरीय अधिकारियों को अलग-अलग 80 हजार रुपये से लेकर 1.20 लाख रुपये प्रति महीने मानदेय दिया जाता है।