लखनऊः अब 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के स्टांप के लिए वेंडर के पास जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। कोई भी व्यक्ति 100 रुपये तक का ई-स्टांप कहीं भी खुद प्रिंट कर हासिल कर सकेगा। प्रदेशवासियों को ई-स्टांप की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश ई-स्टांपिंग नियमावली-2013 में संशोधन किया गया है।
कैबिनेट की बैठक में ई-स्टांपिंग नियमावली में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। पारित प्रस्ताव के संबंध में स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि 10 रुपये के भौतिक स्टांप पेपर की छपाई-ढुलाई में जहां 16 रुपये तक का खर्च आता है वहीं जरूरतमंदों को कहीं ज्यादा मूल्य चुकाना पड़ता है। ऐसी शिकायतें मिलती रहती हैं कि कुछ वेंडर छोटे मूल्य के स्टांप की जानबूझकर कमी दिखाकर उन्हें मनमाने मूल्य पर बेचते हैं। अब ऐसी व्यवस्था लागू की जा रही है कि 10 रुपये से 100 रुपये तक के मूल्य के स्टांप पेपर के लिए किसी को स्टांप वेंडर के पास जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
नौ सुरक्षा फीचर्स के साथ ई-स्टांप आनलाइन उपलब्ध होंगे। ई-स्टांप को खुद प्रिंट करने वाले व्यक्ति को आधार से ई-केवाईसी करना होगा। जिसके आधार कार्ड के जरिए ई-स्टांप का प्रमाणन किया जाएगा उसी व्यक्ति द्वारा ई-स्टांप का इस्तेमाल किया जा सकेगा। एक दिन में एक यूजर आइडी से अधिकतम पांच प्रिंट ही लिए जा सकेंगे। नाम के साथ मकसद भी ई-स्टांप प्रिंट करने से पहले लिखना होगा इसलिए संबंधित ई-स्टांप का प्रयोग किसी अन्य प्रयोजन में संभव नहीं होगा। कई राज्यों में पहले से ई-स्टांप की व्यवस्था लागू है।
ई-स्टांपिंग नियमावली में संशोधन को मिली मंजूरी, इस तरह मिलेगा फायदा
UP Cabinet Decision: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में ई-स्टांपिंग नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गयी है। अब 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक के स्टांप के लिए वेंडर के पास जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। कोई भी व्यक्ति 100 रुपए तक का ई-स्टांप कहीं भी खुद प्रिंट कर सकेगा।
ई-स्टांप की सुविधा
प्रदेशवासियों को ई-स्टांप की सुविधा प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश ई-स्टांपिंग नियमावली-2013 में संशोधन किया गया है। इस नए संशोधन के तहत 10 रुपए से 100 रुपए तक के स्टांप पेपर के लिए किसी वेंडर के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। लोग अपने घर पर ही इन स्टांप्स को प्रिंट कर सकेंगे।
महंगे स्टांप पेपर की समस्या होगी समाप्त
स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि 10 रुपए के भौतिक स्टांप पेपर की छपाई-ढुलाई में जहां 16 रुपए तक का खर्च आता है, वहीं जरूरतमंदों को अधिक मूल्य चुकाना पड़ता है। अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि कुछ वेंडर छोटे मूल्य के स्टांप की कमी दिखाकर उन्हें मनमाने दाम पर बेचते हैं। अब इस समस्या का समाधान होगा।
ऑनलाइन ई-स्टांप की नई व्यवस्था
जायसवाल ने बताया कि 10 रुपए से 100 रुपए तक के स्टांप पेपर के लिए अब किसी को वेंडर के पास जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। ई-स्टांप (E-Stamp) नौ सुरक्षा फीचर्स के साथ ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। ई-स्टांप को प्रिंट करने वाले व्यक्ति को आधार से ई-केवाईसी करना होगा, जिसके माध्यम से ई-स्टांप का प्रमाणन होगा। एक दिन में एक यूजर आईडी से अधिकतम पांच प्रिंट ही लिए जा सकेंगे। नाम और मकसद भी ई-स्टांप प्रिंट करने से पहले लिखना होगा, जिससे ई-स्टांप का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा।
अन्य राज्यों में पहले से लागू है ई-स्टांपिंग
जायसवाल ने बताया कि कर्नाटक, उत्तराखंड, दिल्ली, असम, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मणिपुर, मेघालय आदि राज्यों में पहले से ही ई-स्टांपिंग ( E-Stamping) की व्यवस्था लागू है। इन राज्यों में जनता को इस सुविधा का काफी लाभ मिल रहा है।
ई-स्टांप के उपयोग
शपथ पत्र, विभिन्न शासकीय योजनाओं, विद्यालय और महाविद्यालय में प्रवेश, सेवायोजन और लोक शिकायतों में 10 से 100 रुपए तक के मूल्य के स्टांप पेपर का ज्यादा उपयोग होता है। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के आंकड़ों के मुताबिक 100 रुपए से अधिक मूल्य के 47 लाख से अधिक ई-स्टांप जारी किए गए, जबकि 100 रुपए से कम मूल्य के 2.56 करोड़ ई-स्टांप पेपर जारी हुए।